सुरक्षा मामलों से संबंद्ध कैबिनेट समिति ने तेजस मार्क-2 परियोजना को मंजूरी दे दी है। सीसीएस ने प्रोटोटाइप्स के साथ तेजस मार्क-2 फाइटर जेट के डिजाइन और विकास, उड़ान परीक्षण और प्रमाणन के लिए साढे छह हजार करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह धनराशि हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड को पहले दी गई दो हजार पांच सौ करोड़ रुपये की राशि से अलग है। हलके लड़ाकू विमान तेजस के अत्याधुनिक संस्करण में कई विशेषताएं शामिल की गई हैं, जो इसकी युद्धक और मारक क्षमताओं में वृद्धि करती हैं।
तेजस के दूसरे संस्करण में शक्तिशाली जीई-एफ 414 इंजन लगाया गया है, जो इसकी फ्लाइट रेंज का विस्तार करेगा। साथ ही उसेे मौजूदा विमान की तुलना में अधिक पेलोड और हथियार ले जाने में सक्षम बनाएगा। तेजस मार्क-2 की पेलोड क्षमता मौजूदा विमान की तीन टन क्षमता की तुलना में चार टन होगी। समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि तेजस मार्क-2 के आने से क्षमता संबंधी एक महत्वपूर्ण कमी दूर होगी। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान के देश में डिजाइन और विकास को बढा़वा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे विमान वि-निर्माण के क्षेत्र में आत्म-निर्भर भारत के तहत किए जा रहे प्रयासों को भी बल मिलेगा।