लुधियाना,पंजाब के पूर्व हॉकी खिलाड़ी परमजीत को पंजाब सरकार ने हॉकी कोच के पद पर नियुक्त किया है! परमजीत प्रतिभाशाली हॉकी खिलाड़ी रहे हैं, और उन्होंने भारत के लिए जूनियर हॉकी टीम में जगह भी बनाई थी उनका बचपन फरीदकोट में बीता था और शिक्षा दीक्षा भी यही हुई थी ,परमजीत के हॉकी कोच बलतेज इंद्रपाल सिंह बब्बू के साथ स्कूल में हाकी का प्रशिक्षण लिया था, इसके बाद परमजीत ने हॉकी कोच बलजिंदर सिंह के साथ हाकी की बारीकियां सीखी थी, जो उनके प्रोफेशनल को कोच थे ।
बचपन से ही खेलकूद में सक्रिय रहने वाले परमजीत के जीवन में गरीबी के कारण कुछ बाधाएं जरूर आई थी लेकिन अपनी प्रतिभा के बल पर परमजीत ने भारतीय जूनियर हाकी टीम में स्थान बनाने में सफल हो गए थे राष्ट्रीय स्तर पर पंजाब प्रदेश के लिए 2 पदक जीतने में परमजीत कामयाब हुए थे, इस कामयाबी के बाद पूरे देश मे परमजीत ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था.
2007 में होने वाले जूनियर एशिया कप हॉकी बांग्लादेश में होने वाली थी उस टीम का भी हिस्सा परमजीत थे, परमजीत बताते हैं कि जब उनका चुनाव पटियाला में केंद्र सरकार के नामित कैंप भारतीय खेल प्राधिकरण में हुआ था! उस वक्त हॉकी खरीदने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे, लेकिन मैं हमेशा देश के लिए खेलना चाहता था उनके इस उद्देश्य को पूरा करने में केंद्र सरकार की ओर से उन्हें कभी भी उपेक्षित नहीं समझा गया था ,बल्कि भारतीय खेल प्राधिकरण ने 2009 से पहले परमजीत को प्रत्येक टूर्नामेंट में खेलने का अवसर प्रदान करता था उनकी लगन और मेहनत का ही परिणाम है, कि भारतीय जर्सी पहनकर वह पंजाब की मंडियों में पल्लेदारी का भी काम करते थे.
परमजीत को भारतीय जर्सी पहनकर पल्लेदारी के काम करते समय की तस्वीरें सोशल मीडिया से लेकर दैनिक समाचार पत्रों में प्रमुखता से छपी थी जिसका संज्ञान लेकर पंजाब सरकार ने बहुत ही उत्कृष्ट काम किया है, जिस काम में उन्हें सिर्फ ₹1 25 पैसा सामान की लोडिंग और अनलोडिंग का मिलता था, इसी पैसे से परमजीत अपने परिवार का भरण पोषण किया करते थे, लेकिन पंजाब सरकार की ओर से कोच नियुक्त होने के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है ,पंजाब सरकार के विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह रंधावा ने ट्वीट कर परमजीत को बधाई दी है! और आशा व्यक्त की है कि आने वाले दिनों में परमजीत अपनी खेल प्रतिभा के गुर भावी युवा हॉकी खिलाड़ियों को देने में सफल होंगे।