मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया नए मध्यप्रदेश भवन का उद्घाटन
Maneesh Chandra
नई दिल्ली,मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि नए मध्यप्रदेश भवन का लोकार्पण हुआ है और इस पूरे भवन में मध्यप्रदेश की संस्कृति, परंपरा ,जीवन मूल्यों को उकेरने का कार्य किया गया है। चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के महापुरुषों के व्यक्तित्व को चित्रित करते हुए आज की आवश्यकताओं के अनुरूप इस भवन का निर्माण हुआ है।मुख्यमंत्री ने दिल्ली में नवनिर्मित मध्यप्रदेश भवन का लोकार्पण किया। सीएम ने कहा कि मप्र का यह नया भवन दर्शाता है कि हमारा राज्य अब तेजी से प्रगति और विकास कर रहा है।
संपूर्ण पृथ्वी का केंद्र बिंदु महाकालेश्वर का आशीर्वाद मध्य प्रदेश की भूमि से जन-जन को मिलता है महाकाल के दर्शन से ही मृत्यु का भय टल जाता है .. नदियां पहाड़ पर्वत, लोक संस्कृति विश्व की विरासत को समेटे मध्य प्रदेश की सारी गाथा आपको इस मंच रूपी नए मध्यप्रदेश भवन में देखने को मिल जाएंगी जिसका उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया इस मौके पर जैसे ही शिवराज चौहान ने मध्यप्रदेश भवन का उद्घाटन किया वहां का माहौल जय महाकाल जय मां नर्मदे और जय मां मैहर वाली के नारों से गूंज उठा
इस मौके पर केंद्रीय नागरिक विमानन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते खजुराहो सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा सहित इत्यादि कई लोग उपस्थित थे 150 करोड़ की लागत से इस भवन का निर्माण चाणक्यपुरी के जीसस एंड मैरी मार्ग पर डेढ़ एकड़ क्षेत्रफल में किया गया है।
नए मध्यप्रदेश भवन की आवश्यकता
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि नई दिल्ली में बना यह नया मध्यप्रदेश भवन सृष्टि और अध्यात्म का प्रतीक है ,चौहान ने कहा तत्कालीन विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज को याद करते हुए कहा कि मै सुषमा स्वराज दीदी को प्रणाम करता हूं दीदी उस समय विदेश मंत्री थीं और ये ज़मीन विदेश मंत्रालय के अधीन थी जब मैंने दीदी सेआग्रह किया तो उन्होंने बड़े स्नेह से ये ज़मीन देने में बिल्कुल भी देर नहीं की साथ ही मैं वेंकैया नायडू को भी हार्दिक धन्यवाद देता हूं । मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नये मध्यप्रदेश भवन के निर्माण के लिए जितने भी लोगों ने सहयोग किया मैं उनको धन्यवाद देता हूं।इस जगह भवन के लिए भूखण्ड लेना आसान नहीं था, जिस तरह प्रधानमंत्री जी ने आने वाले दिनों को देखते हुए बजट बनाया है हमने भी भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए इसका निर्माण कराया है।
नया मध्यप्रदेश भवन सृष्टि और अध्यात्म का प्रतीक
समय के साथ चलना होगा आगे बढ़ना होगा ..इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए मध्यप्रदेश भवन की आधारशिला रखी गई थी ..जो कि आज सबके सामने अपनी धरती ..भौगोलिक परिस्थितियों लोक संस्कृति ,पौराणिक विरासत कला और स्थापत्य से सजे इस भवन के रूप में दिखाई पड़ रही है … राज्य के लिए बेहतर कार्य योजनाएं तैयार की जा सके और केंद्र सरकार के साथ सार्थक समन्वय स्थापित करने के लिए नए मध्यप्रदेश भवन की आवश्यकता थी ..आवश्यकता इस बात की भी थी कि दिल्ली भूकंप की तीव्रता वाले क्षेत्र में आता है ..जिस कारण नए भवन का भूकंप रोधी होना बेहद जरूरी था । मध्यप्रदेश भवन अपना साक्षात्कार कर रहा है..
इस भवन में दूसरे तल से लेकर छठ में तल तक विभिन्न श्रेणियों के 108 सुसज्जित कमरे मौजूद हैं इसके साथ ही भवन के हिस्सों में मध्य प्रदेश की पूरी जीवन गाथा आपको देखने को मिल जाएंगी ..किसी दीवार से आपको लोक संस्कृति की धुन झंकृत होते हुए सुनाई पड़ेगी ..तो कहीं पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, लेखकों कवियों चित्रकारों .मंदिर महलों, जंगलों और अभ्यारण की झांकी मध्य प्रदेश का सार्थक चित्रण प्रस्तुत करते हुए दिख रही हैं..
भवन के बड़े हॉल में चित्रकार मूर्तिकार और अन्य विषयों पर भविष्य में आपको यहीं पर प्रदर्शनों के आयोजन होते हुए दिखेंगे जिससे मध्यप्रदेश के साथ ही देश की रचना शीलता और कला को व्यक्त करने का सुरीला अवसर मिलेगा..
भवन को वास्तुशिल्प के साथ ही जल संरक्षण जैसे विषयों को ध्यान रखते हुए सभी सुविधाओं से परिपूर्ण किया गया है।