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आजमगढ़ में ये कैसा डी फार्मूला: जानिए क्यों

Peeyoosh Mayank

डी से दिनेश लाल यादव निरहुआ, डी से धर्मेंद्र यादव और हां याद रखिए डी से डंका भी होता है अब किस का डंका बजेगा या किस का डंका फ्लॉप होगा यह आजमगढ़ के उपचुनाव में एक बार फिर से स्पष्ट होने वाला है।

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ उपचुनाव की तपिश परवान चढ़ चुकी है पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर चुनावी संग्राम मे सपा की ओर से बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया गया है! भारतीय जनता पार्टी की ओर से दिनेश लाल यादव निरहुआ और बसपा की ओर से गुड्डू जमाली चुनावी मैदान में डटे हैं सभी प्रत्याशियों ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है !लेकिन सबसे चौकाने वाली बात कांग्रेस पार्टी की ओर से आई है ,कांग्रेस पार्टी आजमगढ़ उप चुनाव नहीं लड़ रही है पिछले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव और भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ के बीच रोचक मुकाबला हुआ था जिसमें अखिलेश यादव को विजयश्री मिली थी लेकिन इस उपचुनाव में मुकाबला अधिक रोचक होने वाला है क्योंकि बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली का मुस्लिम समुदाय में अच्छी पैठ मानी जाती है,

समाजवादी पार्टी में भी टिकट दावेदारों की संख्या बहुत ज्यादा थी! आजमगढ़ समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष हवलदार यादव भी टिकट पाने के लिए उत्सुक थे पार्टी में असंतोष को रोकने के लिए अखिलेश यादव ने धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया है इस उपचुनाव में मुस्लिम मतदाता बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली को वोट करते हैं तो समाजवादी पार्टी मुश्किल में पड़ सकती है भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ यादवों के साथ दलित मतदाताओं को अपनी ओर करने में सफल हुए तो परिणाम भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में जा सकता है वहीं दूसरी ओर रामपुर में आसिम रजा को टिकट देकर समाजवादी पार्टी ने जिला इकाई को चौंका दिया है रामपुर लोकसभा उपचुनाव का टिकट वितरण जेल से छूटकर आए मोहम्मद आजम खान ने किया है आसिम रजा मोहम्मद आजम खान के बहुत करीबी रहे हैं, जिस तरह से अखिलेश यादव और मोहम्मद आजम खान के बीच इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने खबरें चलाई थी !उसको देखते हुए टिकट वितरण मात्र से ही! एक संदेश देकर सारे आरोपों का जवाब देने में तात्कालिक रूप से अखिलेश यादव सफल रहे हैं लेकिन तनाव कब बढ़ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है क्योंकि दूसरे छोर पर शिवपाल यादव भी पूरे राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं, दोनों सीटों के लोकसभा उपचुनाव के परिणाम जो भी हो लेकिन मुकाबला फिलहाल आजमगढ़ में दिलचस्प रहने की उम्मीद है

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