Chandra Manish तुम्हें क्या बताएं कि तुम मेरे लिए क्या हो.. ख्यालों का मेरे खुफ़िया पता हो तुम किसी सवालिया निशान की तरह…ज़ेहन पे चस्पा हो जवाब मिल गया होतातोशायद उतर ही जाते मेरे मनसेया फिर मुकर जाना ही चाहा मैने..तुम्हें इतना समझने के सच से भी कैसे मिटा पाता इस रंग भरी तस्वीर को…अपनी … Continue reading तुम्हें क्या बताएं
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