विशाल रमेश की रिपोर्ट
आज लखनऊ की सड़कों पर अजब गुलाबी नज़ारा था सैकड़ों की तादात में महिलाएं लखनऊ के प्रमुख मार्गों पर निकली थी जिनका उद्देश्य कांग्रेस के नारे के साथ महिला सशक्तिकरण के विचार को मजबूत करना था, जैसा कि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश उत्तराखंड के चुनाव के लिए नारा दिया था लड़की हूं लड़ सकती हूं इस नारे के उद्घोष के साथ गुलाबी रंग के झंडों और महिलाओं की पोशाकों से लखनऊ की सड़कें भरी थीं,
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने महिलाओं के इस अनूठे मार्च का नेतृत्व किया लखनऊ की जमीन पर हुए इस अलबेले मार्च में कांग्रेस पार्टी की विधानसभा चुनाव लड़ने वाली 159 महिला उम्मीदवारों ने भी शिरकत करते हुए महिला सशक्तिकरण का संदेश देने के साथ ही कांग्रेस के महिला सशक्तिकरण के मंसूबे को जाहिर करने की कोशिश की इस मार्च में हजारों की तादाद में महिलाओं ने भाग लिया कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ उमाशंकर ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित इस मार्च का मतलब यह है कि कांग्रेस जैसा सोचती है वैसा वह जमीन पर साकार भी करती है उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में महिलाओं की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए जो घोषणा पत्र बनाया गया है उसे सरकार बनने पर पूरा लागू भी किया जाएगा,
महिलाओं की यह मार्च 1090 चौराहे से शुरू होकर के सिकंदराबाग वीरांगना ऊदा देवी प्रतिमा पर खत्म हुआ । पांडेय ने बताया कि अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति में वीरांगना ऊदा देवी बेगम हजरत महल के महिला दस्ते में शामिल एक सिपाही थीं जो कि सिकंदराबाग की लड़ाई मे शहीद हो गई थी इतिहास उन्हें अमर दलित वीरांगना के नाम से जानता है को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए ही प्रियंका गांधी ने इस मार्च का अंतिम पड़ाव चुनकर उनको नमन करने का काम किया है।
इसके साथ ही पांडेय ने कहा कि लड़की हूं लड़ सकती हूं कांग्रेस के लिए सिर्फ चुनावी नारा नहीं बल्कि देश प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए शुरू किया गया आंदोलन है ,इसका उद्देश्य भारतीय राजनीति में महिलाओं और उनकी आकांक्षाओं को मुख्यधारा में लाना है विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि पार्टी कुल उम्मीदवारों से 40% महिलाओं को देगी और पार्टी ने इस चुनाव में यह वादा पूरा करने का काम करते हुए उत्तर प्रदेश में 159 महिला उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा था।