सरसों के फूल …

पता है तुम्हें ..
मायके जब लौटती हैं बेटियां सर्दी के दिनों में…
पीले फूल याद दिलाते हैं …बचपन।

पीले फूल याद दिलाते हैं .. शैतानियां
पीले फूल याद दिलाते हैं .. नादानियां …दादी ,नानी ,मां की कहानियां
पीले फूल याद दिलाते हैं सहेलियों की कहानियां…
नरम गरम गुदगुदी बचकानी मिट्टी जैसी खुश्बू वाली चटनी के साथ मूंगफली की चटकारियां…

अब न परियां हैं.. न है कहानियां..उम्र से लंबी हैं जिम्मेदारियां …
नींद भी अधूरी है ..वो ख्वाब भी आधा सच्चा है…
पर मै ही
हूं परिभाषा .. अभिलाषा .. तपस्या आराधना ज्योति साधना कुमकुम रंगोली ममता रज़िया, सुल्ताना आसिया…
फूल सरसों के…

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-चंद्रा मनीष