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First female composer खुर्शीद मिनोखर मानेक शॉ होमजी को भूल गया लखनऊ

Sanjog Walter

First female composer :लखनऊ से मिली थी पहली महिला संगीतकार ,फिल्मो मे तब पुरूष संगीतकारो का ही बोलबाला था तब #बाम्बेटाकीज के #हिमांशुराय ने 1935 में मॉरिस कॉलेज ऑफ़ म्यूज़िक, लखनऊ से पारसी युवती को खोज निकाला फिल्मों की पहली महिला संगीतकार बनाने के लिए।
तब के पारसी समाज को यह नागवार लगा कि उनके समाज की कोई लड़की फिल्मों से जुड़े। #बम्बई के पारसी समाज ने धमकी दी कि इस लड़की को संगीतकार बनाने के अंजाम अच्छे नही होगे,पर हिमांशु राय नही माने।
उस लड़की की हिफाजत और पारसी समाज को भुलावे में रखने के लिए मिस खुर्शीद मिनोखर मानेक शॉ होमजी से #सरस्वती देवी कर दिया और संगीतकार, बनाकर ही दम लिया। साथ ही सरस्वती देवी की छोटी बहन मिस मानेक होमजी का भी नाम बदल कर चंद्रप्रभा कर दिया जो फिल्मों की जानी-मानी हीरोइन बनीं। अब पारसी समाज को इन दोनों लड़कियों पर गर्व था।

First female composer विष्णुनारायणभातखंडे के मार्गदर्शन में संगीत शिक्षा

खुर्शीद मिनोखर मानेक शॉ होमजी का जन्म (1912) बम्बई के संपन्न और सम्मानित पारसी परिवार में हुआ था। संगीत के प्रति उनका प्रेम देखते हुए उनके पिता ने प्रख्यात संगीताचार्य #विष्णुनारायणभातखंडे के मार्गदर्शन में उन्हें शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दिलाई जो उन्होंने । मॉरिस कॉलेज ऑफ़ म्यूज़िक, लखनऊ से पूरी की थी।

एक बार किसी गाने की रिकार्डिंग पर First female composer सरस्वती माइक के सामने गा रही थी और चंद्रप्रभा दूर खड़ी सिर्फ होठ हिला रही थी। कहते है कि इसी घटना से प्रेरणा लेकर कुछ वर्षो बाद प्ले बैक सिस्टम का प्रचलन हुआ। इसलिए इन्हें प्ले बैक सिस्टम की जन्मदात्री भी माना जाता है।

संगीत विशारद की डिग्री प्राप्त सरस्वती देवी ने पंद्रह वर्ष के कार्यकाल में बीस से अधिक फिल्मों में संगीत दिया।उनकी प्रमुख फिल्मे – जवानी की हवा – 1935 अछूत कन्या, निर्मला, बागी, बंधन और झूला आदि है।
सरस्वती देवी का निधन 10 अगस्त, 1980 को हो गया था।
विरासत को सहेजना लखनऊ के डीएनए में नहीं है इसलिए इनको भी लोग भूल गए।

Sanjog Walter की फेसबुकवॉल से

साभार-स्वप्निल संसार

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