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First bhojpuri movie: “गंगा मैया तोहे पियरी चढ़ईबो”

यूनुस खान

First bhojpuri movie : सन 1963 में पटना के वीणा सिनेमा में प्रदर्शित हुई थी “गंगा मैया तोहे पियरी चढ़ईबो”। यहां से भोजपुरी सिनेमा की एक पूरी पारी शुरू होती है। बीते दिनों रविकांत ने एक बातचीत में सही कहा कि दिलीप कुमार वाली “नदिया के पार” को भी भोजपुरी सिनेमा माना जाना चाहिए। बहरहाल…गंगा मैया…के बाद एस एन त्रिपाठी की फिल्म बिदेसिया आई और उसके बाद आई “लागी नाहीं छूटे राम”। जिसके निर्देशक कुंदन कुमार थे। वहीं जिन्होंने गंगा मैया..बनाई थी। इस फिल्म में चित्रगुप्त का संगीत था। गाने मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखे थे।

हमेशा से फिल्म का एक बेमिसाल गाना दिल के करीब रहा है। लता और तलत ने इसे क्या खूब निभाया है।

बीते दिनों समन्वय में क्या शानदार सेशन हुआ था बनारसी पान पर। जिसमें Pushpesh Pant जी और Vyomesh Shukla ने ग़ज़ब की बातचीत की थी। शीर्षक था “हंसी हंसी पनवा खियौले…” ये गाना सुनते हुए वही लाजवाब सेशन याद आ गया।

बहरहाल गाना सुनिए और पढ़िए।

त : लाल-लाल ओठवा से बरसे ललइया हो कि रस चुएला
जइसे अमवा के मोँजरा से रस चुएला

ल : लागे वाली बतियाँ न बोल मोरे राजा हो करेजा छुएला
तोरि मीठी-मीठी बोलिया करेजा छुएला हो करेजा छुएला

त : भागेलू त हमका बोलावेला अँचरवा -२
अँखियाँ चुरावेलू त हँसेला कजरवा हो हँसेला कजरवा

ल : जिया के जंजाल भइल हमरी सुरतिया डगर रोकेला
जहाँ जाँ_ई तहाँ लोगवा डगर रोकेला
त : हो कि रस चुएला …

साभार यूनुस खान की फेसबुक वॉल से

Photo -सारेगामा, You tube

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