श्रुति कुशवाह
दुनियाभर में Period Leave को लेकर मुहिम छिड़ी हुई है। लेकिन हम तो अब भी उसी मानसिकता से संघर्ष कर रहे हैं जहाँ अक्सर ये माना जाता है कि महिलाओं को नौकरी पर रखो तो वो कभी मैटरनिटी लीव पर चली जाएँगी, कभी चाइल्ड केयर लीव पर। इसे लेकर कितने जोक्स क्रेक किये जाते हैं, मज़ाक बनाया जाता है, बेहूदा कमेंट किये जाते हैं। ऐसे में पीरियड लीव की बात पर संवेदनशीलता की उम्मीद करना बेमानी ही लगता है।
लेकिन आज मेरे लिए इस मामले में एक कदम आगे बढ़ना संभव हुआ है। मैं जिस संस्थान MP Breaking News में कार्यरत हूँ..वहां फीमेल स्टाफ को महीने में 2 दिन की Period Leave दिए जाने का निर्णय लिया गया है। संभवतः किसी मीडिया संस्थान में ये नियम लागू करने वाले हम पहले हैं। इस निर्णय में मैं भी सहभागी हूँ और मेरे लिए निजी खुशी भी है क्योंकि ये भी कई संघर्षों में से एक रहा है।
खास बात ये कि हमारे संस्थान में work from home व्यवस्था लागू है और कुछ महिला सदस्य तो ऐसी हैं जिनसे मैनेजमेंट कभी आमने सामने मिला ही नहीं। केवल फोनो/ऑनलाइन इंटरव्यू हुआ और उन्होंने घर से काम शुरू कर दिया। उम्मीद है कि इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ेगी तथा अधिक से अधिक कार्यस्थलों पर पीरियड लीव का नियम लागू किया जाएगा।
(साभार -पत्रकार श्रुति कुशवाह की फेसबुक वॉल से )