Uncategorized

जल संरक्षण के लिए जन अभियान सुनिश्चित किया जाए- अपर मुख्य सचिव

अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में आज सचिवालय में जल संरक्षण अभियान: “कैच द रेन – 2025” की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने समस्त जनपदों से वित्त वर्ष 2024 – 25 के जल संरक्षण कार्यों की फीडबैक लेते हुए आगामी 2025-26 के कैंपेन की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।

श्री आनंद बर्द्धन द्वारा निर्देशित किया कि 10 दिवस की अवधि के भीतर जनपदीय सारा (स्प्रिंग हैंड एंड रिवर रिजुवनेशन एजेंसी) कमेटियों की बैठक करें तथा आगामी बैठक में प्रस्तावों और सुझावों सहित कार्य योजना को प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों व जल निकायों के पुनर्जीवन और जल संचय के कार्यों के बेहतर इंप्लीमेंटेशन के लिए केंद्रीय जल संरक्षण बोर्ड, NIH और आईआईटी रुड़की जैसे संस्थानों से भी तकनीकी मार्गदर्शन लें।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इस अभियान में जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभागों, शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थानों, जनप्रतिनिधियों, संबंधित पक्षों और आम जनमानस को क्षमता विकास और कार्यशाला से जोड़ा जाए। ताकि अभियान का बेहतर तरीके से धरातल पर इंप्लीमेंटेशन हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि पूर्व में बनाए गए जल निकायों व अमृत सरोवरों का भी एक बार पुनः सर्वे करें तथा उसमें किसी भी तरह का यदि पुनः सुधार करना अपेक्षित हो तो उसका भी प्रस्ताव बनाना सुनिश्चित करें। साथ ही जनपद स्तर के सारा सेंटर को पुनः एक्टिव करें।

इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य स्तर कमेटी नीना ग्रेवाल ने जल संरक्षण अभियान – 2025- 26 की कार्य योजना प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने बताया कि इस वर्ष जल संरक्षण अभियान में धारा मेरा, नौला मेरा, गांव मेरा, प्रयास मेरा थीम के साथ जन भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। कहा कि सुख रहे जल स्रोतों एवं सहायक नदियों, धाराओं का चिन्हीकरण करने के लिए भगीरथ ऐप के माध्यम से आंकड़ों का संग्रहण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि QR कोड से प्रत्येक नागरिक भागीरथ ऐप के माध्यम से अपने गांव के जल स्रोतों की सूचना भेज सकेगा। जल्द ही इस ऐप को लॉन्च किया जाएगा तथा विभिन्न माध्यमों में इसका व्यापक प्रचार- प्रसार किया जाएगा। पहले चरण में सारा द्वारा प्राथमिकता के आधार पर 2000 जल स्रोतों के जल संरक्षण क्षेत्र की पहचान कर उपचार हेतु शत- प्रतिशत धनराशि कार्यदायी विभागों को उपलब्ध कराई जाएगी। सारा द्वारा कन्वर्जन के माध्यम से 50% धनराशि सहायक नदियों एवं धाराओं के तकनीकी एवं वैज्ञानिक आधार पर उपचार गतिविधियों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।

इसके अलावा इस वर्ष पंचायती राज विभाग के सहयोग से 200 ग्राम पंचायतों में जलसंसाधन प्रबंधन पर क्षमता विकास कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। मैदानी क्षेत्रों में भूजल स्तर में सुधार हेतु कार्यदायी विभागों द्वारा उपचार कार्यों का चिन्हीकरण कर उपचार गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा।

इस अवसर पर बैठक में केंद्रीय भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक प्रशांत राय, उपनिदेशक सारा स्टेट सेंटर N.S बर्फाल, उपनिदेशक यूसीआरआरएफपी (उत्तराखण्ड क्लाइमेट रेस्पॉन्सिव रेनफेड फार्मिंग प्रोजेक्ट) के उपनिदेशक एस के उपाध्याय, प्रोजेक्ट संयोजक सुधा तोमर सहित सारा की राज्य स्तर टीम उपस्थित रही।

Related Articles

Back to top button