Tag Archives: kalam

hindi kavita:फिर एक कटी पतंग

hindi kavita:फिर एक कटी पतंग

chandra Manish hindi kavita: मैंने देखी फिर एक कटी पतंग वैसी ही खुबसूरत वादियों मेंकुर्बानी और दग़ाबाज़ी की नयी दास्तान..इस बार वो सफेद लिबास में नहीं थीमांग पे था सिंदूर मजबूरी का…ओढ रखी थी चेहरे पे मुद्दतों की उलझन में बनावटी मुस्कान hindi kavita आस्तीनों में पाले हैं काले नाग …

Read More »