Tag Archives: poem

गणतंत्र दिवस पर कविता

गणतंत्र दिवस पर कविता

अरुणा मनवर हम भारत के लोग..दिन 26 जनवरी 1950..दूर हुए सारे दोष… मिला संविधान – बना गणतंत्र अपना…पूरा हुआ आज़ाद हवा में सांस लेने का सपना… बाईस भाषाओं, अनगिनत बोली- नदियों, मैदानों रेगिस्तान पहाड़ों के लोगो का देश… फिर भी एक संविधान एक उद्देश्य.. ये हैं भारत मां का उदघोष… …

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hindi kavita:फिर एक कटी पतंग

hindi kavita:फिर एक कटी पतंग

chandra Manish hindi kavita: मैंने देखी फिर एक कटी पतंग वैसी ही खुबसूरत वादियों मेंकुर्बानी और दग़ाबाज़ी की नयी दास्तान..इस बार वो सफेद लिबास में नहीं थीमांग पे था सिंदूर मजबूरी का…ओढ रखी थी चेहरे पे मुद्दतों की उलझन में बनावटी मुस्कान hindi kavita आस्तीनों में पाले हैं काले नाग …

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