यूनिफॉर्म सिविल कोड हुआ पास: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मेहनत हुई साकार शाम को विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड ध्वनि मत से हुआ पास। उत्तराखंड में आज का दिन ऐतिहासिक रहा इस दिन को बीजेपी श्रेष्ठ भारत के निर्माण में पुष्कर सिंह धामी द्वारा उठाया गया एक कदम बता रही है भाजपा विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने दूसरे कार्यकाल में लगातार चौके छक्के मार के पूरे देश में एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री के रूप में निखर सामने आए हैं। उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जहां पर यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी की समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी इस बिल के विधानसभा में पास होने के बाद अब इसको राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा राष्ट्रपति से अनुमति मिलने के बाद यह राज्य में कानून का रूप में स्थापित हो जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस सफलता के लिए मैं पीएम मोदी का धन्यवाद करता हूं और साथ में यह भी कहता हूं कि यह कानून हम किसी के विरोध में लेकर नहीं आए हैं बल्कि मातृशक्ति को मजबूत करने के लिए और माता बहनों को बढ़ावा देने के लिए लेकर आए हैं जो की किसी न किसी प्रकार से किसी प्रथा और कुरीत के कारण प्रताड़ित होती रहती थी उन्होंने कहा कि इसका संकल्प उन्होंने 12 फरवरी 2022 को लिया था और इसके बाद अपने इस निर्णय को उन्होंने जनता के सामने रखा था.
समान नागरिक संहिता को चुनावी नजर से ना देखा जाए
धामी ने कहा कि यह ऐतिहासिक पड़ाव आज पूरे 2 साल के बाद आया है हमारी पार्टी ने जो जनता से वादा किया था उसको हमने निभा कर दिखा दिया है इसके साथ ही मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि इसे चुनावी कदम बिल्कुल ना समझा जाए।
राज्य आंदोलनकारी आरक्षण बिल भी पास
मुख्यमंत्री धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के विधानसभा में पास होने के साथ ही राज्य आंदोलन कार्यों के आरक्षण का बिल भी सर्वसम्मति से पास कर लिया उन्होंने इस पर बोलते हुए कहा कि राज्य के बनाने में आंदोलनकारी का बड़ा योगदान है इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि हम आंदोलन कार्यों की सुविधा और उनकी पेंशन को बढ़ाएं जिसके लिए आज उन्होंने राज्य आंदोलनकारी के आरक्षण का बिल भी सफलतापूर्वक पास करा लिया है।
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उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड की यात्रा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने विधानसभा के चुनाव के दौरान ही राज्य की जनता से समान नागरिक संहिता कानून बनाने का वादा किया था और इसके बाद सरकार बनने के उपरांत कैबिनेट की पहली बैठक में ही मुख्यमंत्री ने यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की मंजूरी दे दी थी और समिति का गठन कर दिया था जिसका अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्य कमेटी गठित कर दी थी, इसके साथ ही आपको मालूम हो कि इस समिति ने अपनी दो और उप समितियां बनाई थी जिन सब के सुझावों के आधार पर पूरा ड्राफ्ट तैयार किया गया था जिसके अंदर 400 से ज्यादा ऐसे बिंदु है जिस पर प्रकाश डाला गया था इस बिल के ड्राफ्ट को लेकर अब तक 72 बैठकर की गई भारत के प्रथम गांव माणा से जन संवाद कार्यक्रम की शुरुआत करके लोगों के सुझाव लिए गए .
रिपोर्ट के आधार पर पता चलता है कि 232961 लोगों से संवाद स्थापित किया गया, एक वेब पोर्टल बनाया गया जिस पर लोगों के ईमेल संदेश लिए गए इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के मंचों पर रायशुमारी की गई यानी की अनुमान के मुताबिक लगभग 3:30 लाख लोगों के सुझाव इस ड्राफ्ट को बनाने में लिए गए।यूसीसी के कार्यालय पर भी लोगों ने पत्रों के द्वारा अपने सुझाव व्यक्त किया जिसका परिणाम आज इस बिल के पास होने में स्पष्ट देखा जा सकता है।
धामी संदेश
विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड के ध्वनि मत से पास होने के बाद उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन और जनता को संबोधित करते हुए आभार जताया, धामी के ये शब्द अब श्रेष्ठ भारत के निर्माण की परिभाषा बनने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा–
बाबा साहब को भूलने का काम किया जाता रहा है
हम बात-बात पर भारत रत्न बाबा साहेब का नाम लेते थकते नहीं हैं लेकिन हमारी पिछली सरकारों ने और राजनीतिक ताकतों ने उन्हें भूलाने का काम किया है, हमने बाबा साहेब के काम को आगे बढ़ने का काम किया है।
देवभूमि के सदन से निकली है एक नई गंगा
जिस तरह से देवभूमि से गंगा निकलती है और वह पूरे भारत को अभिसिंचित करती है आज उसी तरह से इस सदन से यूनिफॉर्म सिविल कोड की जो गंगा निकली है वह पूरे भारत को एक समान दिशा देने का काम करेगी हम गौरवान्वित हैं कि यह काम उत्तराखंड की हमारी सरकार और देवभूमि की देव तुल्य जनता ने किया है।
संकल्प से सिद्धि तक
सीएम धामी ने कहा कि हमने संकल्प को सिद्धि तक पहुंचा है
देश में पहली बार नागरिकों ने प्रकट कि अपने सुझाव
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह देश का पहला ऐसा विधेयक है जिस पर 10% परिवारों ने अपना मत और सुझाव प्रकट किया है यह देश के लिए एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक अभ्यास है जो कि अब इतिहास में दर्ज हो चुका है और इसका श्रेय देव भूमि की देव तुल्य जनता को जाता है।
सर्वोच्च न्यायालय के फसलों ने हमें निर्देशित किया
धामी ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने हमें समय-समय पर सामाजिक समरसता के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड की आवश्यकता पर चेताया था लेकिन राजनीतिक तुष्टिकरण और स्वार्थ के चलते आजादी के इतने सालों के बाद भी इस आवश्यकता को दरकिनार करा जाता रहा। उन्होंने कहा कि हमें सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों ने निर्देशित किया है।(शाहबानो और मुद्गल केस)
बल दानियों की देवभूमि से एक नई गंगा निकली है
सीएम धामी ने कहा कि हमें गर्व का अनुभव है कि देव भूमि की इस बल दानियों की धरती से आज ये एक नई गंगा निकली है जो कि अब आदर्श स्थापित करने जा रही है।
अभी तो एक शुरुआत है
पुष्कर धामी ने कहा कि मातृशक्ति की सुरक्षा और सम्मान के लिए हमने तो अभी बस एक शुरुआत की है..
सभी लोगों का समान सम्मान और समान व्यवहार
धामी ने कहा कि हमें खुशी है कि हमने समाज के विभिन्न वर्ग और समुदायों के लिए उन सभी को समान मानकर समान व्यवहार करने के लिए समान नागरिक संहिता का यह एक नया रास्ता निकाला है जिस पर सभी का सम्मान और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित है।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम की तरह व्यवहार करें
मुख्यमंत्री धामी ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा कि राम राज्य में सभी को समान अधिकार और न्याय प्राप्त था तो इसलिए हम कह सकते हैं कि हम मर्यादा पुरुषोत्तम की राम की तरह आदर्श व्यवहार करें।
वोट बैंक की राजनीति नहीं चलेगी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पीकर महोदया सदन के सदस्य गणों, यूनिफॉर्म सिविल कोड की समिति की अध्यक्ष रंजना प्रकाश देसाई और साथ में लगे हुए अन्य लोगों अधिकारियों कर्मचारियों और उत्तराखंड की देवतुल्य जनता का आभार जताते हुए कहा कि यहां तक पहुंचने के लिए आप सभी का साथ और समर्पण जरूरी था जिसका कि वो आभार जताते हैं। सीएम धामी ने कहा कि अब वोट बैंक के राजनीति नहीं चलेगी।