hindi poetry
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ये है एक टिहरी
*अरुणा मनवर* ये एक थी टिहरी नहीं..ये है, एक है टिहरी… जो जिंदा है,,,तुम्हारी रग रग में.. पग पग मेंतुम्हारे…
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अरुणा मनवर हम भारत के लोग..दिन 26 जनवरी 1950..दूर हुए सारे दोष… मिला संविधान – बना गणतंत्र अपना…पूरा हुआ आज़ाद…
Read More »डाॅ कल्पना सिंह अब द्यूत कोई आंगन में मेरे फिर न खेला जाएगा चीर हरण का काला वह इतिहास नहीं…
Read More »डॉ सुधीर शुक्ला तीलियां माचिस की लेकर आग ऐसी न लगाओ।हो सके तो राष्ट्र में उनसे, यहां दीपक जलाओ।। आपका…
Read More »chandra Manish hindi kavita: मैंने देखी फिर एक कटी पतंग वैसी ही खुबसूरत वादियों मेंकुर्बानी और दग़ाबाज़ी की नयी दास्तान..इस…
Read More »नीता शर्मा माना खुद को संभालना समझना मुश्किल हो सकता है ,लेकिन नामुमकिन तो नहीं और सच कहूं तो खुद…
Read More »*अरुणा मनवर* ये एक थी टिहरी नहीं..ये है, एक है टिहरी… जो जिंदा है,,,तुम्हारी रग रग में.. पग पग मेंतुम्हारे…
Read More »नीता शर्मा जिंदगी को जीना सिखायाहर मुसीबत में साथ निभाया जिंदगी के हर तूफान में कभी साथ नहीं छोड़ाआपने ही…
Read More »A MANVAR हम जब गिरते हैं जिंदगी की राहों में पिता थाम लेता है हमारी बांहें.. हमें संभाल करचलने का…
Read More »तुम कभी आ जाना तुम कभी आ जाना सपने मेंतुम्हारा आना अच्छा लगेगा बेशक देती रहना गालियांदेना बद्दुआ.. बार-बार वो…
Read More »चंद्रा मनीष मेरे सिरहाने फिर आकर ..एक कप चाय रख दो थोड़ा प्यार से झुंझला कर..फिर से कहो..उठो पियो..चाय ठंडी…
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