hindi kavita:फिर एक कटी पतंग
फिर...वो एक कटीले पेड़ से उलझ गयी Photo -mbi model

hindi kavita:फिर एक कटी पतंग

chandra Manish

hindi kavita: मैंने देखी फिर एक कटी पतंग

वैसी ही खुबसूरत वादियों में
कुर्बानी और दग़ाबाज़ी की नयी दास्तान..
इस बार वो सफेद लिबास में नहीं थी
मांग पे था सिंदूर मजबूरी का…
ओढ रखी थी चेहरे पे मुद्दतों की उलझन में बनावटी मुस्कान

hindi kavita आस्तीनों में पाले हैं काले नाग

जिसने आस्तीनों में पाले हैं
काले नाग और जकड़कर मारने वाले अजगर..

इस कटी पतंग की कहानी में
सगे रिश्तों की सौदेबाज़ी..

जैसे गहरे एनस्थीसिया की डोज़ में सदा के लिए सदमें से कोमा में हैं कोई…

वो गुलाबी मौसम में अपनों के हाथों काट दी गई…

उसे थामने की चाहत में कोई
आगे खुशी खुशी नहीं आया.. ..hindi kavita

कटीले पेड़ से उलझ गयी ..

फिर…वो एक कटीले पेड़ से उलझ गयी ..

अब डोलती फिर रही है.. काबिले तारीफ जज्बे के बाद भी सैयादों के साये में..

सबकुछ जानकर बेख़बर…
लुट रही है …लुटा रही है अरमानों को
एतमाद की उम्मीद में…. hindi kavita

bollywood film कटी पतंग Story on wikipedia

कटी पतंग 1971 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन और निर्माण शक्ति सामंत ने किया। यह बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी। फिल्म में आशा पारेख एक विधवा होने का नाटक करती है और राजेश खन्ना द्वारा निभाए गया किरदार उनका आकर्षक पड़ोसी होता है।[1] यह फिल्म 1969 और 1971 के बीच राजेश खन्ना की लगातार 17 हिट फिल्मों में से एक है और चार फिल्मों में से दूसरी है जिसमें उनकी आशा के साथ जोड़ी बनाई गई थी।

राजेश खन्ना के लिए किशोर कुमार द्वारा गाए गए गाने फिल्म की सफलता का कारण थे, जबकि मुकेश ने भी उनके लिए एक गीत गाया था – एक दुर्लभ संयोजन।

सभी गीत आनन्द बक्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित। refrence credit – wikipedia

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