IVF Indresh Hospital: इंद्रेश हॉस्पिटल में बच्चों संग मनाया गया वर्ल्ड आईवीएफ डे

IVF Indresh hospital: पूरी दुनिया में 25 जुलाई के दिन वर्ल्ड आईवीएफ डे मनाया जाता है। सन 1978 में इंग्लैंड में आज ही के दिन दुनिया का सबसे पहला टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा हुआ था तभी से 25 जुलाई के दिन दुनिया भर के डॉक्टर आईवीएफ डे मानते हैं। देहरादून के महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में आईवीएफ विभाग ने बच्चों के साथ रोचक तरह से मनाया आज का दिन। इस मौके पर महंत इंद्रेश अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर और उनकी टीम के साथ ही वह दंपति भी मौजूद थे जो कि आईवीएफ तकनीक का लाभ उठाकर माता-पिता बने हैं, इन अभिभावकों के साथ ही वह बच्चे भी थे जिन्होंने इस तकनीक से जन्म लिया है। इस मौके पर विभिन्न प्रकार की आईवीएफ तकनीक के बारे में डॉक्टर ने आए हुए लोगों को जानकारी दी।

IVF Indresh hospital मे केक काटकर मनाया गया 25 जुलाई
श्री महंत इंद्रेश अस्पताल के आईवीएफ विभाग में इस कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर अशोक नायक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अजय पंडिता स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग अध्यक्ष डॉ विनीत गुप्ता और आईवीएफ डिपार्टमेंट के इंचार्ज डॉक्टर आकृति गुप्ता डॉक्टर अर्चना टंडन इन सभी ने कार्यक्रम में शिरकत कर आए हुए दंपतियों के साथ आईवीएफ की तकनीक के बारे में विस्तार से चर्चा की और लोगों की समस्याओं के बारे में सुझाव प्रस्तुत किये।

आकृति गुप्ता ने कहा कि आईवीएफ के मायने इन विट्रो फर्टिलाइजेशन होता है जिसे आम लोगों की भाषा में टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं उन्होंने बताया कि यह इसलिए किया जाता है की जो दंपति प्राकृतिक तौर पर गर्भधारण करने में सफल होते हैं ऐसे दंपतियों के लिए यह गर्भाधान का कृत्रिम माध्यम होता है ।डॉक्टर आकृति ने कहा कि श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में आईवीएफ उपचार की लेटेस्ट तकनीक के साथ सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध हैं। वर्ल्ड आईवीएफ डे के इस कार्यक्रम में एंब्रॉलाजिस्ट अजीत शर्मा उनका स्टाफ प्रियंका, पूजा, नेहा, प्रीति, उषा और पी आर ओ सिमरन को सम्मानित भी किया गया इस मौके पर महंत इंद्रेश अस्पताल के तमाम विभागों के विभागाध्यक्ष और नर्सिंग स्टाफ सभी लोग मौजूद रहे।