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कपिल सिब्बल:दो दशक बाद उतरे मैदान में फिर भी जीते,सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के बने अध्यक्ष

कपिल सिब्बल: सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल का जादू दो दशकों बाद भी बरकरार है, उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी प्रदीप राय को हराकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर चौथी बार जीत हासिल की है।
कपिल सिब्बल इसके पूर्व में भी 1995,1997 और 2001 में सुप्रीम कोर्ट बार के अध्यक्ष रह चुके हैं।

एक दिन पहले 16 में को हुए चुनाव में कपिल सिब्बल को 1066 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी वरिष्ठ वकील प्रदीप राय को 689 वोट ही मिले कपिल सिब्बल दो दशकों बाद इस चुनाव में उतरे थे लेकिन उन्होंने पूर्व की भांति इस बार भी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए जीत हासिल करी है।

वकील का उद्देश्य कानून की रक्षा करना है- कपिल सिब्बल

चुनाव के पूर्व बार एंड बेंच को दिए गए साक्षात्कार में कपिल सिब्बल ने कहा था, हम वही करते हैं जो हमें करना होता है, उन्होंने कहा कि वकील का उद्देश्य संविधान की रक्षा करने के लिए है वकील कानून के शासन को बनाए रखने के लिए हैं इसलिए अगर आप बार को राजनीतिक झुकाव के आधार पर बांटते हैं तो वास्तव में आप एक वकील के रूप में अपना कर्तव्य पूरा नहीं करते हैं। सिब्बल ने कहा कि इससे पूर्व भी उन्होंने बार में वकीलों की सुविधाओं के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए थे जिनमें बार में पीने की पानी की व्यवस्था, रेलवे आरक्षण के लिए रेलवे टिकट बुकिंग केंद्र, कैंटीन, लाइब्रेरी सहित वकीलों के हित के लिए जो भी जरूरी काम थे ,ऐसे कई मुद्दे वह उठाते आए हैं।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने भी दी बधाई

चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ ने भी सिब्बल को बार का अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी है, जिस पर सिब्बल ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि ये उनके लिए बड़े सम्मान की बात है और वह हमेशा पीठ के प्रति निष्ठा और अपनी प्रतिबद्धता कायम रखेंगे जिससे आगे के एजेंडे तय किया जा सकेंगे।

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जय राम बोले

सिब्बल के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि सिब्बल को बड़े बहुमत से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने जाने पर निवर्तमान प्रधानमंत्री के शब्दों में यह राष्ट्रीय स्तर पर बहुत जल्द होने वाले परिवर्तनों का एक ट्रेलर भी है। जय राम ने लिखा कि यह उदारवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक और प्रगतिशील तत्वों के लिए एक बड़ी जीत है।

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