होली में बरसाना संभलकर जाना:पहनने पड़ेंगे औरतों के कपड़े और पड़ेगा नाचनाअगर आप होली में बरसाना जाने की सोच रहे हैं तो हो जाइए सावधान होली में बरसाना संभलकर जाना पहनने पड़ेंगे औरतों के कपड़े और पड़ेगा नाचना क्योंकि अगर आप होली खेलने वाली महिलाओं के बीच में अकेले फंस गए तो पड़ सकता है आपको औरतों के कपड़े पहनकर नाचना
होली में कृष्ण के समय से ही कान्हा और कान्हा के मित्र नंदगांव से आते थे वह परंपरा आज भी जारी है वो वह सभी गोपियों और महिलाओं को परिहास से होली के त्यौहार में चिढ़ाने वाली बातें करते थे यह मित्र मंडली वृंदावन और नंद गांव की परंपरागत पोशाकों में आते थे और गाने गाकर उन्हें उकसाने का काम करके आज भी चिढ़ाते हैं।
विदेशों से लोग इकट्ठा होते हैं
गोपियों की पोशाकों में आज भी महिलाएं वही पुरानी परंपरा निभा रही हैं और वह सभी घाघरा चोली चुनरीऔर घूंघट में रहकर इन पुरुषों का मुकाबला करती हैं और उन्हें दौड़ा लेती हैं यह सभी पुरुष बचने की कोशिश करते हैं लेकिन जब कोई इसमें से अकेला फंस जाता है तो यह सभी महिलाएं सांकेतिक रूप में उन्हें मारने लग जाती हैं जिस पर पुरुष अपने बचाव करने के लिए एक ढाल का इस्तेमाल करते हैं इस दृश्य को देखने के लिए भारत ही नहीं विदेशों से लोग इकट्ठा होते हैं ..
महिलाएं मजाकिया अंदाज में पुरुषों को लाठी या डंडों से पीटना शुरू कर देती हैं। होली में बरसाना संभलकर जाना खुद को पिटाई से बचाने के लिए पुरुष अपने साथ ढाल रखते हैं और पूरी सुरक्षा के साथ आते हैं अब सभी पुरुष भागने की कोशिश करते हैं लेकिन जिन पुरुषों की किस्मत खराब होती है वो फंस जाते हैं और उन्हें चोटें आती हैं
इस खेल में जो पुरुष फंस जाता है एक तरह से माना जाता है कि वह गोपियों से हार गया है इसलिए उसे अब उनके कपड़े पहनकर सबके सामने नाचना पड़ेगा यह मस्ती भरी होली देखने लायक होती है। महिला पुरुष सभी एक-दूसरे के चेहरे पर गुलाल-अबीर लगाते हैं, राधा-कृष्ण का नाम लेते हूए पूरी मस्ती और उत्साह में नाचते गाते और झूमते हैं।
Read Also
Holika Dahan:होलिका दहन की अग्नि में डालना जरूरी है ये दस चीजें,नहीं होगी सुख की कमी
बरसाना की लट्ठमार होली के दूसरे दिन बरसाना की महिलाएं इसी तरह होली खेलने के लिए नंदगांव जाती हैं यह परंपरा आज भी कायम है और इसी कारण पूरे देश भर में बरसाना की लत मर पूरी मशहूर है क्योंकि यहां पर खेली गोली हमें बताती है की होली प्रेम और हर्ष परिहास का संस्कारों और सभ्यता से मनाया जाने वाला त्यौहार है.
तो परेशान मत होइए अगर आपको हास परिहास की पारंपरिक होली मनानी है तो बरसाना जरूर जाइए
Geet Khanna