तुम कभी आ जाना सपने में
बेइज्जत तो महसूस होता है

तुम कभी आ जाना: सपने में

तुम कभी आ जाना

तुम कभी आ जाना सपने में
तुम्हारा आना अच्छा लगेगा

बेशक देती रहना गालियां
देना बद्दुआ..

बार-बार वो तुम्हारा कहना हरामजादा
बेइज्जत तो महसूस होता है

मगर फिर भी ,तुम कभी आ जाना:

वो वक्त अब भी याद है
जब भरोसा इतना कमज़ोर न था


जिसे
अब तीसरे ने समझा दिया

हमें क्या मालूम था रईसों की सोहबत में

हमें रुसवा कर जाओगे
ऊंचे मकान में रहकर
इस कदर सस्ता बनाओगे

तुम तो बड़े कीमती थे
अब हर बात पे मुकर जाओगे

पहले कुछ भी अखरता नहीं

था

क्योंकि तुम्हारे पास ग़रीबी नापने का पैमाना नहीं था।

कभी खुद से अकेले में पूछना
इन दौलत वालों को इस कदर हरामजादा कह पाओगे

इतना साहस नहीं बटोर पाओगे
डर जाओगे उनकी ऊंचाई देखकर

ग़रीबी नीची है
मगर
तुम्हारी ईमानदारी से महंगी है

इस दिल की मजबूरी सबके पास नहीं है
जिस मुंह से तुम्हें कहा था खुदा
वो अब भी हमारे पास है..

इस दिल के मकान में अब भी तुम्हारा वास है

. आत्मा राम