औरतें बहुत सरल होती हैं

प्रभात उत्प्रेती

सेवानिवृत्त लेक्चर, हल्द्वानी

औरतें बहुत सरल होती हैं

इसलिए उन पर कविता भी

आसानी से लिखी जा सकती है

औरतें बहुत आसान होती हैं

इसलिए उनकी तारीफ कर के

जब चाहे खाना बनवा लो

जब चाहे बच्चे पलवा लो

जब चाहे………

और ये भी हैं

हर औरत औरत नहीं होती

जैसे कि हर मर्द मर्द नहीं होता

और जैसे कि कुछ आदमी औरत ही होते हैं

सरल

हर तारीफ में अब्बल

उनसे जब चाहे कुछ भी करा लो

औरतें भाव होती हैं

जो हर अभाव को भाव बना देती हैं

और मैं भी हूं एक औरत

इसलिए हर तारीफ से

हो जाता हूं गदगद

कर देता हूं सारे काम

बधाई हो मुझे

आज महिला दिवस है