गुल्लू इकाना स्टेडियम के बाहर खड़ा है,अखिलेश के इंतजार में !

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मयंक पगलिया जी
(लेखक चीकू के पापा हैं)..

Gullu is standing outside Ekana stadium waiting for Akhilesh

उत्तर प्रदेश के पास्ट टेंस वाले फास्ट भूतपूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इलेक्शन के आखिरी दिनों में पत्रकारों की बेइज्जती मात्र अपने चमचों को हंसाने और मनोरंजन करने के लिए खूब नज़र आए,, ना मानिए तो उनके कई वीडियो उठाकर देख लीजिए जिसमें वह कभी दाएं हाथ से बाएं हाथ को और बाएं हाथ से दाएं हाथ को खुजलाकर बीटेक्स मलहम वाली मौज लेते हुए नजर आ रहे थे मगर ठीक काउंटिंग के 1 दिन पहले से ऐसे लगा कि वो बहुत बेचारे,कातर,याचक,औचक,भौचक निरीह नज़र आए और अभी तक सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं।

पत्रकारों की जमकर खिल्ली उड़ाने के बाद अब उनका मुंह खुद हताशा का इतवार वाला चित्रहार हो गया है ,
तभी तो अब दीवानगी में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीधे सीधे गर्मी ,भाप ,टेंपरेचर , बुलडोजर स्टेचर और पता नहीं कौन-कौन से नेचर की बात करने के लिए विधानसभा में सीधे-सीधे टक्कर लेने की योजना बनाई है.. इसलिए वो हड़बड़ी में दिल्ली से इस्तीफा देकर नबाबों की नगरी में लौट आये हैं।

चुनाव में धूम मचाने गर्दा उड़ाने के बाद अब विधानसभा में बाबा की क्लास में गर्मी के सिद्धांत पर शोध करने को अखिलेश आतुर हैं उन्हें जनता ने ख़ूब प्यार और आशीर्वाद दिया था जो भाप बनकर उड़ गया, बाय-बाय बाबा कहने वाला अब खुद हाय हाय करने लग गया और तो और अपने पुराने साथी खिलाड़ी आज़म खान का कागज पत्तर भी दिल्ली की सदस्यता से वापसी के लिए जमा करवा चुके हैं अब ये दोनों मिल कर जनता जनार्दन की आवाज़ उठाएँगे लेकिन अपने चाचा शिवपाल यादव के उपयोग और सम्मान को लेकर अभी कोई भूमिका तय नहीं कर पाए हैं ,

शिवपाल को अखिलेश ने अभी तक डब्ल्यू एन डब्ल्यू की कैटेगरी में रखा हैं मतलब अंग्रेजी वाला वेट एंड वॉच , जिस पर मानो शिवपाल ने खामोशी से स्वीकरोक्ति करते हुए यह कहा हो कि “बिल्कुल रुक जांएगे जी.. कलेजे पर पत्थर रखने में मुझे असीम आनंद का अनुभव होता हैं”.. मानो शिवपाल कह रहे हों भतीजे कुछ तो तुम मुझसे सीखते और मेरे अनुभवों का निठारी वाला उपयोग करते तो आज ये चमत्कारी रात देखने को नहीं मिलती..

अब क्या प्लान है समाजवादी शोधार्थी भतीजे ? समझ में नहीं आ रहा हैं जितनी ऊर्जा बाबा मुख्यमंत्री के श्री गुल्लूश्री डॉगी के ऊपर खर्च की उतनी ऊर्जा कोरोना काल में सड़कों पर खर्च की होती तो पिक्चर कुछ और ही होती और रिस्पॉन्स द कश्मीर फाइल्स से ज्यादा मिलता .. बाबा को वनवास मिला नहीं और अब योगी आदित्यनाथ दोबारा ऐतिहासिक समारोह में शपथ लेने जा रहे हैं…
तुम पिछली बार शपथ ग्रहण समारोह में डैडी के साथ गए थे ..तो क्या इस बार बाबा के गुल्लू से डर गये हो ? तुमसे किसने कहा कि वह गोरखपुर से लखनऊ आकर तुम्हें ढूंढ रहा है और इकाना स्टेडियम शपथ मैदान के बाहर ही खड़ा है तुम्हारे इंतजार में