कितना चढ़ेगा पीला रंग गाजीपुर में ?

महाभारत के संवाद लिखने वाले राही मासूम रजा की रिश्तेदार शादाब फातिमा बन गई है अब कड़ी चुनौती

गाजीपुर से पीयूष मयंक की रिपोर्ट

गाजीपुर में फस गए पीली छतरी वाले नेता जी ! जी हाँ समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने की हज़ारों कसमें खाने वाले नेता ओमप्रकाश राजभर बुरी तरह से लड़ाई में फस चुके हैं सबसे दिलचस्प बात ये है कि खुद भाजपा भी इनकी पराजय में अपनी जीत मान रही है । भाजपा प्रत्याशी कालीचरण राजभर भी इनको लट्टू की तरह नचा रहे हैं, ओमप्रकाश राजभर को बसपा प्रत्याशी शादाब फ़ातिमा से भी अच्छी चुनौती मिल रही है, वैसे यहां अब लड़ाई त्रिकोणीय हो गयी है परन्तु समाजवादी पार्टी के गठबन्धन में जाने के बाद ओमप्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ललकारने और उन्हें सत्ता से बेदखल करने की सारी बातें सार्वजनिक मंचो से करके खूब ताली बटोरी हैं लेकिन क्या खाली हाथ लौट जांएगे ? पुराने मठाधीश जो गाँवो की राजनीति में अच्छी पैठ रखते हैं उन सभी का कहना है कि जिस तरह से शादाब फ़ातिमा ने अपने कार्यकाल में काम किया है और जैसी उनकी छवि है उसके प्रभाव से भाजपा को नुकसान हो सकता है और फ़ातिमा चुनाव जीत सकती हैं जिसकी सम्भावना बहुत ज्यादा है, अगड़ी जातियों का रुझान अब बसपा की ओर होने लगा है इसका मुख्य कारण योगी आदित्यनाथ के ऊपर हुए राजनीतिक हमले को माना जा रहा है।

जो भी हो ओमप्रकाश राजभर को रोकने के लिए सभी मतदाता लामबंद हो चुके हैं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव की करीबी रही शादाब फ़ातिमा को भी बहुत ज्यादा सम्मान नहीं मिलने के कारण भी वो निर्दल चुनाव लड़ रहीं थी लेकिन बाद में बसपा से टिकट मिलते ही उनकी दावेदारी और मजबूत हो गई शादाब फ़ातिमा उसी खानदान से ताल्लुक रखती है जहाँ डॉ राही मासूम रजा ने महाभारत का संवाद लिखकर अपनी लेखनी का लोहा मनवाया था बसपा प्रत्याशी शादाब फ़ातिमा को भी संस्कृत का बहुत अच्छा ज्ञान है यही छवि उनको लखनऊ भेजने में मददगार हो सकती है।