यूक्रेन से लौटे अब तक उत्तराखंड के 10 छात्र

mbi bureau

उत्तराखंड के 10 परिवारों ने राहत की सांस ली है क्योंकि अभी तक यूक्रेन से उत्तराखंड के 10 छात्र वापस लौट चुके हैं ,वैसे तो यूक्रेन में राज्य के ढाई सौ से ज्यादा छात्र मौजूद हैं जिनको सरकार जल्द से जल्द भारत लाने के दावा कर रही है । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मिशन में जुटे हुए हैं।

विशेष विमान के जरिए उत्तराखंड के 10 छात्र लौटे वापस

सबसे पहले भारतीय छात्रों के दल के साथ उत्तराखंड के तीन छात्र विशेष विमान के जरिए दिल्ली पहुंचे थे और अब दूसरी फ्लाइट से सात और छात्र नई दिल्ली पहुंच चुके हैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इस बात की जानकारी सोशल मीडिया और पत्रकारों को दी है उनके अनुसार वह वहां पर फंसे हुए छात्रों के परिवारों से लगातार संपर्क में है धामी ने सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर करते हुए कहा है कि जारी की गई हेल्पलाइन पर 259 छात्रों कि यूक्रेन में होने की बात पता चली है ।
अभी तक जो छात्र सबसे पहले उत्तराखंड पहुंचे थे उसमें खुशी, अदनान और आशुतोष सबसे पहले दिल्ली पहुंचे थे इसके बाद अन्य 7 छात्र जिसमें की तमन्ना त्यागी, लीपाक्षी अताउल्ला मलिक प्रेरणा बेस्ट शिवानी जोशी मोहम्मद मुकर्रम और उर्वशी हैं इस तरह कुल मिलाकर उत्तराखंड के 10 छात्र स्वदेश लौट आए हैं।यूक्रेन से भारत लौटे उत्तराखण्ड के 7 अन्य छात्रों का नई दिल्ली में अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा ने स्वागत किया इस अवसर पर मनोज जोशी, जोज़ेफ सेबस्टीन मौजूद रहे। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड सरकार यूक्रेन में निवासरत उत्तराखंड के सभी छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिये भारत सरकार के लगातार सम्पर्क में है। विदेश मंत्रालय द्वारा यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की जा रही है।

दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे उत्तराखंड के छात्र


उत्तराखंड के छात्रों का यूक्रेन से लौटने का सिलसिला जारी है और इसके साथ ही प्रदेश की सियासत भी गरमा ने लगी है विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार बयान बाजी में ज्यादा समय बर्बाद कर रही है जबकि इस वक्त उसे रेस्क्यू का अभियान तेज करना चाहिए केंद्र की मोदी सरकार रेस्क्यू अभियान को भी इवेंट की तरह मना रही है प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मीडिया से कहा कि यूक्रेन रूसी हमले के कारण हजारों नागरिक जिनमें सैकड़ों उत्तराखंड भी हैं उन सभी की जान मुश्किल में है उन्होंने कहा कि काफी समय से देश की सरकार को रूस और यूक्रेन के तनाव के बारे में पता था लेकिन सरकार तब तक सोती रही और उन्होंने अपने नागरिकों की कोई खबर नहीं ली युद्ध शुरू होने के बाद सरकार बहुत देर से नींद से जागी है।