एक्टिंग के ईमानदार थे शफी इनामदार…

Manish Chandra

13 मार्च 1996 का दिन था ..टीवी पर भारत और श्रीलंका वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल चल रहा था शफी टीवी के सामने बैठे हुए थे उनके सीने में तेज दर्द उठा उन्हें दिल का दौरा पड़ा और इसी हार्ट अटैक में उनकी जान चली गयी…

मेरी उम्र वाले लोगों को जरूर याद होगा 84 में दूरदर्शन पर आने वाले एक मात्र काॅमेडी फैमली सीरियल में ‘ये जो है ज़िंदगी’ वाले राजा राकेश बेदी के जीजा रंजीत वर्मा का किरदार निभाने वाले शफी ईनामदार की बेहतरीन ऐक्टिंग,, जिन्होंने फिल्मों के साथ-साथ टीवी सीरियलों में भी अपनी भूमिका अदा कर के उस दौर के उम्दा कलाकार के रूप में अपना नाम दर्ज कराया उनकी स्वाभाविक एक्टिंग को देखकर लोग उस वक्त के एक्टरों से उनकी अदायगी और डायलाग डिलीवरी को बिल्कुल अलग ही अंदाज ए बयां में पाते थे, अगर आज भी हम उनकी कोई भी फिल्म या सीरियल को उठाकर देखें तो हमें लगता है कि अपने बीच का ही कोई शख्स सामने किरदार निभा रहा है उनका अभिनय इतना जीवंत और साधारण लगता था जिसको देखकर कोई भी नहीं कह सकता था कि उनकी अदायगी में किसी भी प्रकार का कोई एक्स्ट्रा या ओवर एक्स्पोज़र हो इसलिए कुछ फिल्मों में वह उस दौर के कलाकार चाहे वह थिएटर से निकले नामचीन नाना पाटेकर जेसे एक्टरों के साथ में भी जुदा अंदाज में निकलकर लोगों के सामने आए। फिल्मों में एक्टिंग के साथ ही वह उस दौर के टीवी सीरियलों में भी बराबर काम करते रहें और अपना नाम कमाते रहे.

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‘ये जो है ज़िंदगी’ के अलावा गुलजार के सीरियल ‘मिर्जा गालिब’ में भी महत्वपूर्ण रोल में हम सब को टीवी पर दिखाई पड़े। 1983 में आई समानांतर फिल्म ‘अर्धसत्य’ में वह इस्पेक्टर हैदर अली के किरदार में बहुत मजबूती से हम सबको दिखाई पड़े हैं और उनके उस किरदार को आज तक कोई नहीं भूल पाया है ओम पुरी के साथ में उन्होंने इस फिल्म में हम सबकी उन्होंने खूब सराहना बटोरी थी। शफी इनामदार ने अपना कैरियर 1982 की विजेता फिल्म से शुरू किया था, उनकी प्रमुख फिल्मों में आज की आवाज, अनोखा रिश्ता, अमृत ,नजराना और आवाम जैसी फिल्म एक थी सभी ने अपने फिल्मी जीवन में ऋषि कपूर और पूजा भट्ट को लेकर एक फिल्म का निर्देशन भी किया जिसका नाम था हम दोनों। शफी इनामदार के निभाए हुए छोटे से सीन में भी उनकी संजीदगी देखने को मिलती थी उनकी अन्य फिल्मों में जुर्म, इज्जत दार, क्रांतिवीर, फूल भरे अंगारे ‘अकेले हम अकेले तुम’ के बाद नाना पाटेकर के साथ उनकी आखिरी फिल्म ‘यशवंत’ हम सबको याद रहेगी