संगीत का साइंस कनेक्शनCSIR-NBRI

Report Vishal Ramesh

विज्ञान सर्वत्र पूज्यते में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए देश भर में मनाये जा रहे विज्ञान के महा पर्व ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ के आज पांचवे दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य रूप से रंगोली प्रतियोगिता, संगीत प्रतियोगिता नाटक आदि शामिल थे | लखनऊ के विभिन्न स्कूल एवं कॉलेज से आये करीब 50 बच्चो ने इन प्रतियोगिताओ में भाग लिया | स्कूली बच्चो ने अपनी बनायीं हुयी रंगोली से पर्यावरण रक्षा एवं सुधार, प्रदूषण: बचाव एवं निगरानी, जल संरक्षण, लखनवी संस्कृतियाँ, आदि पर सन्देश दिए ,


इससे पूर्व मशहूर गायक अभिजीत घोषाल ने विज्ञान एवं संगीत पर आधारित अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया जिसमे उन्होंने विज्ञान एवं संगीत के जुड़ाव और उससे प्राप्त आनंद के पीछे के विज्ञान पर चर्चा की | उन्होंने बताया कि ताजा शोधों से पता चला है कि संगीत का आनंद ”सकारात्मक प्रतिफल अनुमान” से आता है। इसका मतलब है कि हमें कोई संगीत तभी खुशी देता है जब वो हमारी उम्मीदों से ज्यादा बेहतर हो। मस्तिष्क के रिवार्ड सिस्टम में तंत्रिका कोशिकाओं का एक समूह होता है, जो आनंद सबंधी भावनाओं के लिए ज़िम्मेदार होता है। सीधे शब्दों में, हमारे किसी काम को करने के बाद मस्तिष्क का ”रिवार्ड सर्किट या प्रतिफल तंत्र” हमें आनंद का एहसास देता है। आनंद के अलावा, इन तंत्रिकाओं का कोई काम नहीं है। लेकिन संगीत से संबंधित आनंद में इनका अहम किरदार है।

अभिजीत घोषाल- गायक


अंत में विज्ञान सर्वत्र पूज्यते कार्यक्रम में डाॅ . शरद श्रीवास्तव, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं समन्वयक, ने धन्यवाद ज्ञापित किया |