नोएडा,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश में डेयरी पशुओं के ताजा आंकड़ों का संकलन करने के लिए सबसे बड़ा डाटाबेस बनाया जा रहा है और डेयरी क्षेत्र से जुड़े प्रत्येक पशु को इससे जोड़ा जाएगा। दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में विश्व डेयरी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का डेयरी क्षेत्र बड़े पैमाने पर उत्पादन की बजाय बड़े जन समूह द्वारा उत्पादन करने के लिए जाना जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डेयरी क्षेत्र में 75 प्रतिशत योगदान नारी शक्ति का है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति डेयरी क्षेत्र तक भी पहुंची है और डिजिटल भुगतान प्रणाली दुनियाभर के किसानों की मदद कर सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डेयरी उत्पादन बढ़ाने के लिए देश में पशु-आधार नामक बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण की प्रौद्योगिकी विकसित की जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में लम्पी चर्म रोग मवेशियों के लिए खतरा बना हुआ है और उनका जीवन बचाने के लिए स्वदेश में ही टीका तैयार कर लिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मवेशियों के लिए प्लास्टिक खतरा बन गया है जिसको देखते हुए सरकार एक ही बार प्रयोग किए जाने वाले प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करने के लिए संकल्पबद्ध है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 2025 तक डेयरी के सभी पशुओं को मुंहपका-खुरपका रोग से बचाने के लिए टीका उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्होंने भारतीय डेयरी उद्योग सहकारी मॉडल पर आधारित छोटे और सीमांत डेयरी किसानों, विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने की बात भी कही।