बाल अपराध रोकने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पास्को की कार्यशाला में भाग लिया महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से 2012 में पास्को एक्ट की शुरुआत हुई थी इस एक्ट के तहत बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन उत्पीड़न और चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए इस कानून को सख्ती से लागू किया गया था बच्चों में यौन हिंसा को रोकने के लिए पास्को एक्ट की धाराओं का इस्तेमाल बाल अपराध करने वालों के खिलाफ किया जाता है जनता से पालन करते हुए बाल अपराध पर अंकुश के लिए इस कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया गया था इस कानून के लागू होने के बाद पास्को एक्ट के तहत पूरे देश में मामले बड़े भी हैं और दोषियों पर कठोर कार्रवाई भी हुई हैं यौन उत्पीड़न की घटनाएं बच्चों के साथ कानून लागू होने से पहले बहुत हुआ करती थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद फास्ट ट्रैक अदालतों ने दोषियों को आरोप सिद्ध होने पर मृत्युदंड तक की सजा सुनाई है जिससे बाल अपराध को रोकने में पास्को एक्ट महत्वपूर्ण भूमिका रही है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मंत्री रेखा आर्य भी कार्यशाला मैं मौजूद थी मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यक्रम की व्यस्तता के कारण इस महत्वपूर्ण वर्कशॉप में समय की थोड़ी कमी जरूर है लेकिन भविष्य में इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए अलग से व्यापक तैयारी की जाएगी जिससे बाल यौन अपराधों में आई कमी की समीक्षा और प्रगति पर अधिक से अधिक जोर दिया जा सके