सार्थक संदेश के साथ भौनवाल एजुकेशनल परिसर में मनाया गया खिचड़ी भोज

मोनिका भौनवाल (समाज सेविका), राजेंद्र भौनवाल (पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त)
लखनऊ,ऑक्सीजन की जरूरत पूरी करना है पेड़ लगाओ जीवन बचाओ आज की इस सामाजिक जरुरत की ये बात पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त राजेंद्र भौनवाल ने मकर सक्रांति के अवसर पर ग्रामीणों और शहरी क्षेत्रों के लोगों को खिचड़ी भोज के दौरान सार्थक संदेश देने का प्रयास किया। समाज सेविका मोनिका भौनवाल  संरक्षिका लोकभारती भारती सचिव (भौनवाल एजूकेशनल ग्रुप) भौनवाल स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग (पॉलीटैग्निक),लखनऊ
(भौनवाल कान्वेन्ट स्कूल) ने कहा कि हमें कोरोना के वक्त ऑक्सीजन का जो महत्व समझ में आया है उसकी प्रचुर मात्रा में उपलब्धता के लिए हमने आज मकर सक्रांति के पावन पर्व पर लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की अपील करते हुए अपनी सामाजिक भूमिका अदा करने का एक छोटा सा प्रयास किया है इस मौके पर खिचड़ी भोज में आए हुए लोगों ने प्रण किया कि वह अपने आसपास के इलाके में पौधे लगाकर ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने में अपना योगदान देंगे। कार्यक्रम में लोक संगीत के माध्यम से पर्यावरण स्वच्छता का जागरूकता संदेश भी दिया गया।

मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर *भौनवाल परिवार ने लोक भारती भारत संस्था की प्रेरणा से खिचड़ी भोज का आयोजन किया
लोक भारती भारत के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेन्द्र पाल सिंह ने इस मौके पर मंगल परिसर एवं मंगल परिवार के बारे में जानकारी दी.

कार्यक्रम में गोपाल उपाध्याय,के चौधरी जितेंद्र सिंह कमलेश एवं लोक भारती के कई लोगों कई सदस्यों ने अपनी उपस्थिति से लोगों को जागरूकता संदेश देने की कोशिश की , भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष ओबीसी मोर्चा कृष्ण लोधी राष्ट्रीय कर्मचारी संघ भारतीय जनता पार्टी के सर्वेश पाठक,सुशील तिवारी (पम्मी) पार्षद लाल कुआं वार्ड, राम मनोहर मनोहर लोहिया चिकित्सालय के कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष विकास तिवारी विजय पाल सिंह एवं कई गणमान्य लोगों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया, इस सार्थक और सफल आयोजन में आए हुए अतिथियों को अमित शर्मा ने धन्यवाद दिया और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी।


कार्यक्रम की सफलता के लिए आयोजन में आए हुए लोगों ने राजेंद्र भौनवाल पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त चेयरमैन भौनवाल एजुकेशनल ग्रुप, मोनिका भौनवाल समाज सेविका और अमित शर्मा की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे भारतीय त्योहारों में हमारे पास यही मौका होता है जब हम लोगों को सामाजिक जागरूकता संदेशों से ना सिर्फ जोड़ सकें बल्कि उसको सार्थकता के साथ अमल में लाने के लिए अपने मन को जागृत भी कर सकें।