देहरादून,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब बच्चों ने मुझ से लीक से हटकर सवाल पूछे तो मुझे बहुत अच्छा लगा पहले तो मैं सोच रहा था कि यहां पर परीक्षा पर चर्चा के साथ सिर्फ पेंटिंग प्रतियोगिता है लेकिन बच्चों से संवाद करके मुझे अपने विद्यार्थी जीवन की याद आ गई उन्होंने छात्र और छात्राओं को सफलता के लिए संयम, नियम और अनुशासित जीवन बेहद जरूरी है कहा,सी एम धामी ने परिक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा में विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। सी एम ने छात्रों को उत्तराखण्ड राज्य और देश का भावी निर्माता बताकर उनके प्रश्नों का उत्तर और परिक्षा के लिए सुझाव भी दिए।
काक चेष्टा, बको ध्यानं,
स्वान निद्रा तथैव च ।
अल्पहारी, गृहत्यागी,
विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पेंटिंग प्रतियोगिता के प्रतिभागी छात्रों को पुरस्कृत किया।धामी ने कहा कि छात्रों के इस आयोजन में शामिल होकर वे स्वयं को और अधिक ऊर्जा से भरा हुआ महसूस कर रहे हैं। इस कार्यक्रम से स्कूल के दिनों को याद करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि उनके एक शिक्षक ने बचपन में उन्हें विद्यार्थी के पांच मुख्य गुणों के बारे में एक श्लोक के माध्यम से बताया था कि उसमें कौवे की तरह जानने की चेष्टा, बगुले की तरह ध्यान लगाने की क्षमता, श्वान निद्रा और अल्पाहारी और गृहत्यागी पांच गुण होने चाहिये
हमें परीक्षा की तैयारी तनाव रहित माहौल में करनी चाहिए
सी एम धामी ने कहा कि स्वाभाविक रुप से परीक्षा के जिलो बच्चे की मानसिक स्थिति पर असर पड़ता है इसलिए हमें परीक्षा की तैयारी तनाव रहित माहौल में करनी चाहिए इसके लिए अभिभावकों और टीचरों का सहयोग भी जरूरी है जिससे बच्चों पर मानसिक दबाव कम किया जा सकता है ।
अग्नि की उड़ान
सी एम ने बताया कि राष्ट्रपति, भारत रत्न स्व. एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी पर आधारित किताब “अग्नि की उड़ान“ पढ़ी। इस किताब से वे बहुत प्रभावित हुए, क्योंकि ये किताब हमें सिखाती है कि सफलता, परिश्रम के साथ-साथ व्यक्ति की सकारात्मक सोच पर भी निर्भर करती है ।
उन्होंने कहा कि आप लोग डा. कलाम या हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही अन्य महान लोगों की जीवनी जब पढ़ेंगे, तब पाएंगे कि उनमें एक बात समान है और वो है सकारात्मक सोच। जब मेहनत के साथ सकारात्मक सोच मिल जाती है तो व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कि आप लोग भी जिस क्षेत्र में जाएं उस क्षेत्र में अपना 100 प्रतिशत योगदान देकर उस क्षेत्र के नेता अर्थात लीडर बनें। जैसे आप खेल के क्षेत्र में जाएं तो सचिन तेंदुलकर के जैसे खेल के लीडर बने। आप गायक बनें तो लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी जैसे महान गायक बनें और यदि आप लोग राजनीति में आए तो नरेन्द्र मोदी की भांति विश्व के लोकप्रिय नेता बनें।
एग्जाम वॉरियर्स
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा की तैयारियों से संबंधित प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक किताब “एग्जाम वॉरियर्स“ लिखी है उनकी ये किताब अत्यंत ही सुझाव परक रूचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक है सी एम धामी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले जहां एक ओर हमने वीर बाल दिवस मनाकर गुरू गोविंद सिंह जी के महान सपूतों को याद किया साथ ही हमने चिर युवा सन्यासी स्वामी विवेकानंद जी का जन्मदिवस भी युवा दिवस के रूप में मनाया। स्वामी विवेकानंद जी का उनके जीवन में बहुत अधिक प्रभाव रहा है। जब अपने स्कूल के दिनों में उन्होंने उनकी यह उक्ति उठो, जागो और लक्ष्य तक पहुंचे बिना रूको मत पढ़ी तभी ठान लिया था कि जीवन में जिस भी क्षेत्र में जाउंगा, अपना 100 प्रतिशत योगदान देने का प्रयास करूंगा।
सही समय प्रबंधन और अपने माता-पिता एवं गुरूजनों के आशीर्वाद
मुख्यमंत्री ने छात्रों से कहा कि आप सबने इस कार्यक्रम के माध्यम से बहुत सारी पेंटिंग भी बनाई हैं, जिनमें पर्यावरण संरक्षण सहित अन्य बहुत से समाजोपयोगी विषयों को समाहित किया है। इसके लिये उन्होंने सभी के प्रयासों की सराहना भी की। मुख्यमंत्री ने छात्रों का आहवान किया कि सभी छात्र कड़े अनुशासन, सही समय प्रबंधन और अपने माता-पिता एवं गुरूजनों के आशीर्वाद से जिस भी क्षेत्र में जाए, अपने परिवार, राज्य और देश का नाम रोशन करें।
मंजिल ही जीवन का किस्सा है राही बन उस तक जाना है …
मुख्यमंत्री धामी ने छात्रों को परिक्षा के लिए उत्साहित करने के लिये ‘‘मंजिल ही जीवन का किस्सा है राही बन उस तक जाना है सफलता-असफलता जीवन का हिस्सा है इनसे घबराना कैसा है उठो, जागो और संघर्ष करों यही तो बस जीवन कहता है’’ कविता सुनाई
पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था..
संवाद के दौरान छात्रा निशा गुप्ता रानी, खुशी, पूजा,शैलजा कुकरेती, द्वारा परीक्षा की तैयारियों व मुख्यमंत्री से बचपन में परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में धामी ने कहा कि परीक्षा के समय कुछ तनाव सभी को रहता है किंतु पहले के और अबके समय में बड़ा अंतर है। आज पूरी दुनिया आपके मोबाइल में है, पहले संसाधनों का अभाव था, उनकी प्राइमरी शिक्षा स्लेट, दफ्ती, दवात और टाट पट्टी में बैठकर हुई, 3-4 कि.मी. पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था, उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपनी सोच सकारात्मक रखें, आप जैसा बनना चाहेंगे वही बनेंगे। आज हमारे साथ हमारे अभिभावक के रूप में प्रधानमंत्री मोदी जैसा व्यक्तित्व है जो परीक्षा के समय छात्रों से चर्चा कर उनका मार्ग दर्शन कर रहे हैं।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव रविनाथ रमन ने भी छात्रों को संबोधित किया। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा सभी छात्रों को परीक्षाओं की सफलता के लिये शुभकामनाएं दीं