पीयूष मयंक
उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व डीजीपी डॉ विक्रम सिंह ने 18 वर्ष बाद बसपा विधायक के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद अपराधियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है सोशल मीडिया पर दिए गए साक्षात्कार में डॉक्टर विक्रम सिंह ने अपराधियों पर कैसे नकेल कसी जाए इस ज्वलंत मुद्दे पर पत्रकारों के सामने रूबरू थे अपने साक्षात्कार में डॉ विक्रम सिंह ने सुझाव दिए कि अपराधियों की कमर कानून की परिधि में रहते हुए पूरी तरह से तोड़ देनी चाहिए अपराधियों की प्राथमिक पाठशाला का प्रमुख स्तंभ राजनीति और राजनेता ही हैं जिनके संरक्षण में अपराधी अपने साम्राज्य का विस्तार करता है आप सभी को याद होगा कि विकास दुबे ने भी कानून को ठेंगा दिखाने के लिए बहुत सारी गलतफहमियां पाल रखी थी लेकिन विकास दुबे कैसे मारा गया और क्यों मारा गया इसके विस्तार में जाने की जरूरत नहीं है कानून की परिधि होती है और जो उसका उल्लंघन करेगा उत्तर प्रदेश पुलिस उसका उचित इलाज करने में सक्षम है सोशल मीडिया पर जो भी दुष्प्रचार चल रहा हो की अतीक अहमद की गाड़ी पलट जाएगी तो ऐसा विधि सम्मत नहीं है उत्तर प्रदेश पुलिस अनुशासित पुलिस बल है और कानून के दायरे में रहकर काम करना उत्तर प्रदेश पुलिस को अच्छी तरह से आता है लेकिन दूसरी ओर बार यह भी सच है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के लोगों ने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं अपराधियों को सबक सिखाना उत्तर प्रदेश पुलिस को अच्छी तरह से आता है जब मैं डीजीपी था तो बड़े बड़े माफिया प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुझ पर आरोप लगाते थे कि यदि मेरी हत्या होती है तो इसके लिए विक्रम सिंह जिम्मेदार होंगे उनका इशारा पूर्वांचल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की ओर था वैसे भी अपराधियों के दिन लद चुके हैं और वर्तमान सरकार जो माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रही है हम उसके पक्ष में हैं मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं लेकिन कानून की क ख ग से पूरी तरह परिचित हूं उमेश पाल को मारने वाले लोगों को यह पता नहीं है कि 164 सीआरपीसी में बयान दर्ज होने के बाद गवाह चाहे जिंदा हो या मर गया हो उस से बयान पर कोई फर्क नहीं पड़ता सजा दिलवाने के लिए गवाह का पूर्व में दिया गया बयान ही आरोपियों के लिए पर्याप्त है अपराधियों ने उत्तर प्रदेश पुलिस का गलत नंबर डायल कर दिया है इसलिए उनका अंजाम समूल नाश से ही संभव है जैसा कि उक्त बयान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में दिया था कि अपराधियों को मिट्टी में मिला देंगे मिट्टी में मिलने के बाद अंतिम संस्कार भी किया जाता है इसका निहितार्थ आप सभी बेहतर तरीके से समझते हैं ।
पूर्व डीजीपी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियों का इलाज बहुत तरीके से करती है जैसे उत्तर प्रदेश पुलिस के पास होम्योपैथ चवनप्राश से लेकर बाईपास सर्जरी तक का इलाज संभव है ज्यादा उड़ने की कोशिश की तो पर कतरने में भी उत्तर प्रदेश पुलिस सक्षम है दिनदहाड़े जिस तरह से बम चलाया गया और कानून व्यवस्था को ध्वस्त करने की जो कोशिश की गई इसमें उत्तर प्रदेश पुलिस का जांबाज सिपाही भी शहीद हुआ था इस घटना की मैं भर्त्सना करता हूं और प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर से मैं आह्वान करता हूं कि उमेश पाल की पत्नी यदि सुरक्षा मांगती हैं तो उन्हें सुरक्षा दी जाए और अपराधियों के खिलाफ इतनी कठोर कार्रवाई की जाए जो सभी के लिए नजीर बन सके पूर्व में हमने ददुआ ठोकिया ना जाने कितने दुर्दांत अपराधियों को वहां पहुंचा दिया जहां उन्हें सचमुच में जाना था छोटे मोटे अपराधी सपोले उत्तर प्रदेश पुलिस और कानून का कुछ भी बिगाड़ नहीं पाएंगे क्योंकि कानून की जड़ें बहुत गहरी हैं संविधान ने पुलिस को बहुत ही ताकत दी है जो पुलिस प्रशासन को गंभीरतम चुनौती देगा और कानून की परिधि से बाहर जाएगा उसकी परिणाम भयावह होगा और वह
कीड़े मकोड़े की तरह कुचल दिया जाएगा।
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