नैनीताल, विद्यार्थी जीवन में शिक्षा का कालखंड दोबारा नहीं आता है और यदि विद्यार्थी अपने जीवन काल में अपना एक-एक पल अपने भविष्य निर्माण में पढ़ाई के दौरान ही खर्च करते हैं तो उनकी उन्नति का रास्ता एकदम स्पष्ट दिखाई पड़ने लग जाता है जिससे कि न सिर्फ उनके व्यक्तित्व में निखार आता है बल्कि राज्य और देश का नाम भी रोशन होता है आज यही बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल के प्रेमा जगाती सरस्वती विहार विद्यालय के वार्षिकोत्सव में प्रतिभाग करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक व्यक्ति के रूप में हमारे सर्वांगीण विकास और श्रेष्ठ समाज के निर्माण में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि किताबी ज्ञान तक सीमित ना रहें स्वयं के अस्तित्व की खोज कर आपने जीवन को सफल बनायें।उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन का लक्ष्य तय करते हुए पूर्ण मनोयोग, ईमानदारी, कर्तव्य निष्ठा से कार्य करने को कहा। यही मूल मंत्र जीवन को सफल बनाएग। उन्होंने बच्चों से कहा कि यह शिक्षा का कालखण्ड दोबारा आपके जीवन में कभी नहीं आयेगा, समय बहुमूल्य है इसकी महत्ता को सभी को समझना होगा, एक-एक पल जीवन के लिए उपयोगी है। अगर हम समय को समझ लेते हैं तो अपने जीवन के साथ ही देश व प्रदेश नाम रोशन कर सकते है।
उत्तराखंड गुरुकुलों की भूमि है -मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, गुरुकुलों की भूमि है, यहां ऐसे ऋषि- मुनि हुए जिन्होंने सनातन ग्रंथो की रचना की। वीरभट्टी की इस महान धरती पर पढ़ने वाले आप सभी विद्यार्थी भी ऋषि संतानें हैं और अवश्य ही आप लोग अपना,अपने परिवार का और अपने प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज नए भारत का निर्माण हो रहा है, जिसके अंतर्गत देश में अभूतपूर्व रूप से नित- नए कार्य किए जा रहे हैं। नई शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे।
नैनीताल में बन सकता है एक नया विश्वविद्यालय
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य है। हमारी सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विद्यालय परिवार द्वारा इस स्थान पर एक विश्वविद्यालय बनाए जाने का संकल्प लिया है। उनका संकल्प अवश्य पूर्ण होगा, इस संबंध में राज्य सरकार के स्तर पर जो भी सहयोग होगा वह किया जायेगा। भूमि चिन्हिकरण कार्य के लिए पूर्ण प्रयास कर परिकल्पना को साकार किया जाएगा।
इस मौके पर केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, विद्यालय के संरक्षक कामेश्वर प्रसाद काला, विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रो. के पी सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।