डीजीपी अभिनव कुमार:उत्तराखंड के डीजीपी ने प्रदेश में ऐसे किसी भी आयोजन जिसमें भीड़ की उपस्थिति के द्वारा सामान्य नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसका संज्ञान लिया है। डीजीपी ने प्रदेश भर के प्रशासन को इसके प्रति सचेत किया है। अभिनव कुमार ने धार्मिक जुलूसों एवं धरना/प्रदर्शनों के दौरान आम जनमानस को हो रही असुविधा को दृष्टिगत रखते हुए जनपद प्रभारियों को नागरिकों की सुविधा और सार्वजनिक शान्ति व्यवस्था बनाये रखते हुए जुलूसों को विनियमित करने के उद्देश्य से आयोजनों की अनुमति के सम्बन्ध में सम्बन्धित जिलाधिकारी से समन्वय कर निम्न बिन्दुओं पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
डीजीपी अभिनव कुमार ने दिए ये निर्देश
अभिनव कुमार ने अपने निर्देश में प्रशासन को ये चेताया कि विभिन्न प्रकार के आयोजनों में ये संज्ञान रखा जाये कि किसी भी आयोजन से अस्पताल व शिक्षण संस्थाओं के कार्यों में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
बीमार लोगों ,शिक्षण संस्थानों और छात्रों का ध्यान रखा जाए
विभिन्न प्रकार के आयोजनों से मरीजों व छात्र-छात्राओं को विद्यालय आने-जाने में कोई रूकावट उत्पन्न न हो।
आयोजनों की समय सीमा निर्धारित की जाये साथ ही निर्धारित समय के पश्चात उक्त जमाव को अविधिमान्य जन समूह घोषित किया जाये।
नागरिकों की दिनचर्या में बाधा ना उत्पन्न हो
आयोजनों हेतु अनुमति दिये जाने से पूर्व सुनिश्चित कर लिया जाये कि उक्त आयोजन से आम जनमानस के सामान्य जीवन में कोई रूकावट उत्पन्न न हो।
शहर को जाम से बचाया जाए
जुलूस, प्रदर्शन आदि का मार्ग विनियमित करने से पूर्व उपरोक्त उल्लेखित समस्याओं को संज्ञान में रखा जाये।
आयोजनों की सामान्यतः अनुमति राजकीय कार्य दिवसों पर न दी जाये।
आयोजनों की अनुमति अधिक से अधिक राजकीय अवकाशों के दौरान दी जाये।
निर्धारित जगह पर ही धरना प्रदर्शन की अनुमति
धरना-प्रदर्शन आदि यथासम्भव निर्धारित धरना स्थल पर ही करने की अनुमति दी जाये।
महिला सुरक्षा को लेकर कार्य योजना तैयार करने का निर्णय
डीजीपी अभिनव कुमार ने राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम और उन पर अधिक प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में पुलिस महानिदेशक ने पी० रेणुका, देवी, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति प्रदेश में घटित महिला अपराध की प्रकृति, अपराध दर, संवदेनशील क्षेत्रों का चिन्हीकरण, प्रदेश में महिला अपराधों की रिपोर्टिंग, अन्वेषण एवं न्यायालय में निस्तारण की स्थिति, अपराध पीड़िताओं को उपलब्ध कराये जाने वाली सहायता और सेवाओं के बारे में जानकारी, महिला अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही, समाज में महिला अपराधों के प्रति जागरूकता, अपराधों के नियंत्रण हेतु जनपदों में अवसंरचनात्मक / मानव संसाधनों की आवश्यकता आदि के सम्बन्ध में व्यापक अध्ययन कर विस्तृत रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक के समक्ष प्रस्तुत करेगी।