डेढ़ किलो का ट्यूमर: लखनऊ के चौक के पाटा नाला इलाके के महफूज़ की केवल तीन महीने की बच्ची के पेट में पैदा होने के तुरंत बाद ही उसकी माँ ने एक गाँठ महसूस की जोकि धीरे-धीरे बढ़ रही थी और फिर अंदर ही अंदर एक बड़े ट्यूमर के रूप में और भी बढ़ती जा रही थी । हैरान परेशान माता-पिता ने निजी क्लीनिक के के डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने तुरंत ही उसे छत्रपति शाहू जी चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ (केजीएमयू) भेज दिया। केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में डॉ जेडी रावत और डॉ आनंद पांडेय ने बच्चे को देखा और पाया कि उसके पेट में एक बड़ा सा ट्यूमर है, जिसका तुरंत ऑपरेशन किया जाना बेहद जरूरीहै।
डेढ़ किलो का ट्यूमर ऑपरेशन में बहुत बड़ी चुनौतियां सामने आ रही थी
इस ऑपरेशन में बहुत बड़ी चुनौतियां सामने आ रही थी।डॉ आनंद ने बताया कि बच्ची की कम उम्र और ट्यूमर का आकार बहुत बड़ा होने के कारण ऑपरेशन कॉम्प्लिकेटेड था, और ऑपरेशन में काफ़ी सावधानी की आवश्यकता थी। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान देखा गया कि ट्यूमर लगभग पूरे पेट में था और जिसने बच्चे के बाक़ी सभी अंगों को चारों ओर दबा दिया था। बच्ची का बायाँ गुर्दा ट्यूमर के कारण काफी नीचे दब गया था। सावधानीपूर्वक ऑपरेशन कर के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया गया। डॉक्टर ने जब बच्ची का वजन किया था तो लगभग 5 किलो था जिसमें ट्यूमर का वजन लगभग डेढ़ किलो था। सफल ऑपरेशन के बाद बच्चे को वेंटीलेटर के लिए पीडियाट्रिक्स डिपार्मेंट में डॉ शालिनी त्रिपाठी की निगरानी में चार दिनों के लिए रखा गया था।
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केजीएमयू कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद ने सर्जरी टीम को बधाई दी
डॉ रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बच्ची अब स्वस्थ है और माता पिता खुशी के साथ उसे घर ले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ आनंद पांडेय, डॉ निरपेक्ष त्यागी, एनेस्थीसिया विभाग के डॉ सतीश वर्मा और नर्स वंदना थे। कुलपति केजीएमयू प्रो सोनिया नित्यानंद ने विभाग की प्रशंसा करते हुए सर्जरी के लिए पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी इस सफलता के बाद केजीएमयू के डॉक्टरों में भी खुशी का माहौल है।