देहरादून, खाने पीने की सामानों में मिलावट होने से जनता के जीवन की हानि होती है जिससे कि कई परिवार प्रभावित होते हैं इन परिवारों में सभी उम्र के लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित होकर अपनी जान भी गवा देते हैं सबसे बड़ी बात है पीड़ित परिवारों में ज्यादातर बच्चों और बुजुर्गों को मिलावटी सामान खाने से गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं जिसको रोकने के लिए उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉक्टर से संधु ने आज सचिवालय में एक अहम बैठक करते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लेकर ठोस कार्रवाई को अमल में लाने की बात कही।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु आज सचिवालय में खाद्य पदार्थों में मिलावट के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए ठोस योजना तैयार कर मिलावटखोरों पर कठोर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए।
वीडियो फिल्म के जरिए जनता को जागरूक किया जाएगा
सीएस ने प्रदेश में टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने और इनके निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए नियमित रूप से अभियान चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने हेतु सख्त कदम उठाए जाने के साथ ही मिलावट के प्रति आमजन को जागरूक किया जाए। उन्होंने प्रयोग हो चुके खाद्य तेल से होने वाले नुक़सान से दुकानदारों और आमजन दोनों को छोटी-छोटी वीडियोज़ के माध्यम से जागरूक किए जाने के निर्देश दिए।
मिलावटखोरों की सूचना देने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा
सीएस ने कहा कि मिलावटखोरों की जानकारी देने वालों को रिवॉर्ड भी दिया जाना चाहिए ताकि लोग जानकारी देने को प्रोत्साहित हों। उन्होंने मिलावट से संबंधित सभी मामलों को फास्ट ट्रैक पर निपटाने के निर्देश देते हुए कहा कि मिलावट के गंभीर मामलों पर प्राथमिकता के साथ शीघ्र फैसला किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि नियमित जांच और कठोर कार्रवाई से ही खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी को रोका जा सकता है। उन्होंने इसके लिए ठोस एक्शन प्लान के साथ ही इसके कार्यान्वयन की टाइम लाइन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड डॉ. आर. राजेश कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।