विशाल रमेश
सावधान:गुमराह करके शादी करना पड़ेगा महंगा सावधान:यूपी सरकार जबरन धर्मांतरण और गुमराह करके शादी करने वालों को बिल्कुल भी बख्शनेन वाली नहीं है।यू पी विधानसभा में अब लव जिहाद का बिल पास हो गया। इस बिल में उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। अब यूपी में जबरन धर्मांतरण करने वाले और करवाने वाले आरोपी को उम्र कैद की सजा होगी साथ ही इस मामले में बेल मिलने में भी तमाम कड़ी शर्तें लगाई गई हैं।सावधान यूपी में धर्मांतरण सबसे बड़ा जुर्मयोगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा में उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक को पास कर दिया है। अब उत्तर प्रदेश में अगर कोई व्यक्ति गुमराह करके शादी करता है और बाद में धर्मपरिवर्तन करवाता है तो उसके खिलाफ उम्र कैद की सजा सुनाई जाएगी। साथ ही इस कानून में कई अपराधों की सजा को दोगुनी कर दी गई है। इस विधेयक को बीते सोमवार को विधानसभा में योगी सरकार ने पेश किया था। वहीं इस कानून में कई नए अपराध को शामिल किया गया है। *ये हैं कानून में प्रावधान*उत्तर प्रदेश विधानसभा में लव जिहाद मामले को लेकर बिल पास करा लिया गया है। पास बिल के बाद अब अगर कोई व्यक्ति लव जिहाद करता है तो उसको 20 साल की जगह या उम्र कैद की सजा का सुनाई जाएगी। लव जिहाद के पहले कानून में पीड़िता के साथ माता-पिता और उसके परिजनों की मौजूदगी जरूरी थी, लेकिन अब कोई भी लव जिहाद की शिकायत दर्ज करवा सकता है। वहीं, लव जिहाद अब गैर जमानती अपराध होगा इस मामले में सत्र न्यायालय से नीचे की अदालत सुनवाई नहीं कर सकती है।
सावधान यूपी में धर्मांतरण सबसे बड़ा जुर्म
योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा में उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक को पास कर दिया है। अब उत्तर प्रदेश में अगर कोई व्यक्ति गुमराह करके शादी करता है और बाद में धर्मपरिवर्तन करवाता है तो उसके खिलाफ उम्र कैद की सजा सुनाई जाएगी। साथ ही इस कानून में कई अपराधों की सजा को दोगुनी कर दी गई है। इस विधेयक को बीते सोमवार को विधानसभा में योगी सरकार ने पेश किया था। वहीं इस कानून में कई नए अपराध को शामिल किया गया है।
ये हैं कानून में प्रावधान
उत्तर प्रदेश विधानसभा में लव जिहाद मामले को लेकर बिल पास करा लिया गया है। पास बिल के बाद अब अगर कोई व्यक्ति लव जिहाद करता है तो उसको 20 साल की जगह या उम्र कैद की सजा का सुनाई जाएगी। लव जिहाद के पहले कानून में पीड़िता के साथ माता-पिता और उसके परिजनों की मौजूदगी जरूरी थी, लेकिन अब कोई भी लव जिहाद की शिकायत दर्ज करवा सकता है। वहीं, लव जिहाद अब गैर जमानती अपराध होगा इस मामले में सत्र न्यायालय से नीचे की अदालत सुनवाई नहीं कर सकती है।