Chardham Yatra 2024: यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ मंदिर के कपाट 10 मई को खुलने के बाद 12 मई की सुबह बदरीनाथ धाम के कपाट भी भक्तों के दर्शन के लिए खुल गए हैं।
हजारों श्रद्धालु भगवन बद्री विशाल के दर्शन करने पहुंचे है,आस्था के इन पलों को आर्मी के बैंड और ढोल नगाड़ों ने अद्भुत बना दिया,जयकारों और मांगलिक स्वर लहरियों के बीच आज बदरीनाथ धाम के कपाट खुल गए है। भक्तगण अब छह महीनों तक भगवान बदरी विशाल के दर्शन और पूजा कर सकेंगे।भगवन बद्री विशाल के कपाट खुलते ही धाम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। वहीं, कपाट खुलने पर सीएम पुष्कर धामी ने तीर्थयात्रियों को धाम के कपाट खुलने और सुगम तीर्थ यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी हैं
हल्की बारिश भी बरसती रही,Chardham Yatra 2024
कपाट खुलने के समय आसमान से हल्की बारिश भी बरसती रही। आर्मी बैंड, ढोल नगाड़ों की स्वर ध्वनियों और स्थानीय लोगों के पारंपरिक संगीत नृत्य के साथ भगवान बदरी विशाल की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। विधि विधान से पूजा पाठ के साथ कुबेर, उद्धव एवं गाडू घड़ा को दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हक हकूकधारी एवं बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने प्रशासन और हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में जयघोष के साथ मंदिर के कपाट खोले। मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बदरीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए देशवासियों की खुशहाली के लिए कामना की।
कपाट खुलने के अवसर पर श्रीबदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के सहयोग से आस्था पथ से लेकर धाम को ऑर्किड और गेंदे के 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा उत्तरकाशी यमुनोत्री धाम से आरम्भ होती है,जोकि गंगोत्री और केदारनाथ होते हुए बदरीनाथ धाम पहुंचती है। मालूम हो कि इससे पहले यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ मंदिर के कपाट 10 मई को खोल दिए गए हैं।
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पिछली चारधाम यात्रा में दर्शन करने वाले श्रद्धालु
पिछली चारधाम यात्राओं को देखें तो 2016 में 6,54355, वर्ष 2017 में 9, 20466 वर्ष 2018 में 10,48051 वर्ष 2019 में 12, 44993, वर्ष 2020 में 15,5055 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे थे। वर्ष 2021 में कोरोना संकट के कारण 1,97997 श्रद्धालु ही बदरीनाथ आए। कोरोना के बाद बीते साल 2022 में 17,63549 और 2023 में रिकॉर्ड 18, 39591 श्रद्धालुओं ने बदरी विशाल के दर्शन प्राप्त किये ।
आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट भी खुले
वर्षों से चार धाम तीर्थ यात्रा की परंपरागत प्रक्रिया है बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट खुलते है। परंपरा के अनुसार सुबह पांच बजे से बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसके तहत 5 बजकर 20 मिनट पर पर वैदिक मंत्र उच्चारण शुरू हुए। इसके साथ ही जब रावल ने बद्रीनाथ मंदिर के द्वार दरवाजे पर लगी सील को खोला, उसी समय राज दरबार के प्रतिनिधि कांता प्रसाद नौटियाल ने मंदिर के मुख्य द्वार का दरवाजा खोला और सबसे पहले बदरीनाथ के रावल और बतला बड़वा ने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया।
दूसरे तीर्थ स्थलों पर भी जुटने लगी श्रद्धालुओं की भीड़
चारधाम यात्रा के दौरान भू-बैकुंठ धाम में अन्य तीर्थ स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने लगी है। मंदिर के कपाट खुलते ही तप्तकुंड, नारद कुंड, शेषनेत्र झील, नीलकंठ शिखर, उर्वशी मंदिर ब्रह्म कपाल, माता मूर्ति मंदिर व देश के प्रथम गांव माणा, भीमपुल, वसुधारा जलप्रपात एवं अन्य ऐतिहासिक व दार्शनिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं का आना जारी है।
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