सोमवार को जिला कार्यालय में बाल श्रम टास्क फोर्स की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कहा बाल श्रम न केवल अपराध है, बल्कि एक ऐसी मनोवृत्ति है, जो समाज में अनेक कुरितियों को पैदा करती है। बाल श्रम उन्मूलन के लिए संबंधित विभाग संयुक्त टीम बनाकर गहन छापेमारी करें। खनन/व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कार्य करने वालों के बच्चे शिक्षा से वंचित न रहे, सबंधित विभाग इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करें। बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोडने के लिए आंगनबाडी केंद्रो, विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाए। जिलाधिकारी ने पुलिस को निर्देशित करते हुए कहा कि श्रमिकों के साथ-साथ ठेकेदारों का भी सत्यापन करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी को कडे निर्देश देते हुए कहा कि जनपद से बाल श्रम के पूर्ण उन्मूलन के लिए पुलिस विभाग एवं संबंधित अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से निर्माण स्थलों, होटलों, ढाबों, खनन आदि क्षेत्रों में चैकिंग अभियान चलाए। यदि कोई संस्थान बाल मजदूरी कराते हुए पाया जाता है तो उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लायी जाय।
जिलाधिकारी ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी को आगामी बैठक में विस्तृत रिपोर्ट व स्पष्ट डाटा के साथ प्रतिभाग करने के सख्त निर्देश दिए।
बैठक में उपाधीक्षक एसएस राणा, श्रम प्रर्वतन अधिकारी राजेन्द्र सिंह बिष्ट, सदस्य बाल कल्याण समिति जगदीश जोशी आदि मौजूद थे