Navratri pooja
सीएम धामी ने डाट काली मंदिर जाकर परिवार समेत पूजा की।

डाट काली मंदिर- सीएम धामी ने परिवार समेत की पूजा

मुख्यमंत्री धामी ने अपनी पत्नी और पुत्रों के साथ मां डाट काली मंदिर में पूजा करके आशीर्वाद लिया

देहरादून, सीएम धामी ने नवरात्र के पांचवे दिन डाट काली मंदिर जाकर परिवार समेत पूजा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी पत्नी गीता धामी और पुत्रों के साथ मां डाट काली मंदिर में पूजा करके मां का आशीर्वाद लिया और प्रदेश की खुशहाली के लिए मंदिर में मनोकामना भी की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने परिवार के साथ मंदिर में आए हुए छोटे बच्चों को भंडारा करा कर फल और मिष्ठान वितरित करके आशीर्वाद लिया। नवरात्र के अवसर पर इस मंदिर पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं जिस वजह से जहां पर अक्सर जाम लग जाया करता है मंदिर की मान्यता के कारण शहर के आसपास के सटे हुए जिलों से श्रद्धालु बड़ी संख्या में मां के दर्शन करने आते हैं। नवरात्र के मौके पर मंदिर में भंडारा कराया जाता है जिस कारण यहां पर श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ हो जाती है।

डाट काली मंदिर

मान्यता है कि मां काली का एक शेर आज भी शिवालिक पर्वत श्रेणियों में घूमता रहता है और उसके पैर में सोने का कड़ा पड़ा हुआ है। कहा जाता है कि मां काली की पूजा 11 दिनों तक श्रद्धा पूर्वक करने पर मनचाही मान्यता पूर्ण होती है।

पूरे भारत में देहरादून का डाटकाली मंदिर बहुत मशहूर है।इस मंदिर में मां काली की पूजा होती है जिसे पौ राणिक मान्यताओं के अनुसार सिद्धपीठ की ख्याति प्राप्त है। देहरादून समेत पूरे देश से लोग मां काली से अपनी मन्नत मांगने आते हैं और मनौती पूरी होने पर मां के दोबारा दर्शन करने के लिए आते हैं।

डाटकाली मंदिर -Photo-Social Media

डाटकाली मंदिर को मां काली और मनोकामना सिद्धपीठ मंदिर भी कहा जाता है।काली माता को भगवान शिव की पत्नी देवी सती का अंश माना जाता है।

अंग्रेजों को करनी पड़ी थी मां काली की पूजा

कहा जाता है कि अंग्रेजों को दून घाटी में प्रवेश करने के लिए उस वक्त एक जमीन में सुरंग बनानी पड़ी थी जो कि मंदिर के करीब से निकल रही थी लेकिन सुरंग का काम पूरा ही नहीं हो रहा था और आए दिन इस सुरंग का काम बढ़ता जा रहा था जिस वजह से अंग्रेजों को और मजदूरों को काफी दिनों तक परेशानियों का सामना करना पड़ा था जिस कारण अंग्रेजों ने यहां पर आकर मां डाट काली की पूजा अर्चना करी जिसके बाद सुरंग का काम आसान हो गया और अंग्रेजों की मन्नत भी पूरी हो गई थी। बताया जाता है कि सन 1804 मैं इस मंदिर का निर्माण कराया गया था और इस मंदिर का निर्माण करने वाले इंजीनियर को माता काली ने सपने में दर्शन देकर एक काली माता की मूर्ति दी थी जिसको बाद में मंदिर के पुजारी को दे दिया गया था और यह मूर्ति तब से आज तक यहां पर स्थापित है जिसकी पूजा अर्चना लगातार होती आ रही है .

विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी -File Photo

कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जब चुनाव में पर्चा दाखिल करता है या चुनाव जीत जाता है तब वह डाट काली मां का आशीर्वाद जरूर लेने आता है वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने पद संभालने से पहले मां डाट काली के मंदिर जाकर आशीर्वाद लिया था।

डाट काली मंदिर में नए वाहन की पूजा की जाती है

देहरादून और आसपास के शहर के निवासी जब भी कोई नई गाड़ी या वाहन खरीदते हैं तो सबसे पहले मां डाट काली के मंदिर में ले जाकर उसकी पूजा करते हैं लोगों की मान्यता है कि उनके वाहन की पूजा यहां पर होने से उन्हें माता का आशीर्वाद मिलता है जिस कारण उनका वाहन हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाता है।
माता के दरबार में सन 1921 से लगातार दिव्य ज्योति जल रही है जोकि आज भी भक्तों को अपनी लौ से आशीर्वाद दे रही है। बलभद्र थापा गोरखा सेनापति ने मां डाट काली मंदिर के निकट ही मां भद्रकाली का भी मंदिर बनवाया था जोकि डाट काली मंदिर से कुछ ही दूर पर स्थापित है।

Photo Source-Social Media
Author –
Manish Chandra

chandra.manish12@gmail.com