वनाग्नि रोकथाम के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अहम वर्चुअल बैठक
रिस्पॉन्स टाइम कम से कम होना चाहिए।-CM

वनाग्नि रोकथाम:मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अहम वर्चुअल बैठक

वनाग्नि रोकथाम:गर्मियों की शुरुआत से पहले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के जंगलों और पहाड़ों के प्रति एक बार फिर बेहद गंभीर नजर आए, लोकसभा इलेक्शन की व्यवस्ताओं में थकने के बावजूद भी
मुख्यमंत्री धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रभागीय वनाधिकारियों के साथ वनाग्नि की रोकथाम के सम्बन्ध में वर्चुअल बैठक करते हुए गंभीर लहजे में पर्यावरण के प्रति सचेत रहने की बात कही।

                                                                                                                मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि गर्मियों के चार महीने वनाग्नि की दृष्टि से राज्य के लिये चुनौतीपूर्ण होते हैं इन महीनों में अधिक से अधिक सतर्क रहते हुए पूरा प्रयास करना चाहिए जिससे कि वनों में आग लगने की  घटनाये न के बराबर हों सीएम ने कहा कि जैसे ही वनाग्नि घटना की सूचना मिलती है,उस पर तुरंत कार्यवाई होनी चाहिए इस पर एक्शन का रिस्पॉन्स टाइम कम से कम होना चाहिए मुख्यमंत्री का कहना बिल्कुल साफ था यदि कोई सूचना मिलती है तो हमें कम से कम समय के अंदर आग पर काबू पा लेना चाहिए।   
                                                                                                              

मुख्यमंत्री ने अधिकारियो को वनाग्नि की रोकथाम के सम्बन्ध में निर्देश दिये कि स्थानीय स्तर पर प्रभारी वनाधिकारी के स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाये, हेल्पलाइन नम्बर तथा टोल फ्री नंबर जारी करते हुए, उनका व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों में जागरूकता लाई जाये l मुख्यमंत्री ने ये भी निर्देश दिये कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए सभी सम्बंधित विभाग आपसी तालमेल स्थापित करना सुनिश्चित करें तथा इस कार्य में स्थानीय लोगों, जन-प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों आदि का भी सहयोग लिया जाये।


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिस क्षेत्र में भी वनाग्नि की घटनायें घटित होती हैं, उसके लिये सम्बंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए l उन्होंने निर्देश दिये कि जानबूझ कर अगर कोई वनों में आग लगाने की घटना में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये l बैठक में पिरुल का उपयोग किये जाने तथा आबादी क्षेत्रों में बंदरों के आवागमन को रोकने पर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ l

बैठक में प्रमुख सचिव आर. के.सुधांशु ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को राज्य का कुल कितना क्षेत्र वनों से ढका है, कौन-कौन से वन क्षेत्र अति संवेदनशील व संवेदनशील हैं तथा आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिये क्या-क्या उपाय किये जा रहे हैं आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी l

मुख्यमंत्री ने अधिकारियो से वर्चुअल बात करते हुए वनाग्नि की रोकथाम के सम्बन्ध में निर्देश दिये उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रभारी वनाधिकारी के स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाये साथ ही हेल्पलाइन नम्बर और टोल फ्री नंबर जारी करते हुए इस नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और लोगों में जागरूकता लाई जाये l

वनाग्नि की रोकथाम के लिए सभी विभागों का आपस में समन्वय हो-सीएम

मुख्यमंत्री ने ये भी निर्देश दिये कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए सभी सम्बंधित विभाग आपसी तालमेल स्थापित करना सुनिश्चित करें तथा इस कार्य में स्थानीय लोगों, जन-प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों और स्थानीय लोगों का भी सहयोग लिये जाने की बात कही

वनाग्नि की घटना होने पर इलाके के संबंधित वनाधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिस क्षेत्र में भी वनाग्नि की घटनाये घटित होती हैं, उसके लिये सम्बंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए l उन्होंने निर्देश दिये कि जानबूझ कर अगर कोई वनों में आग लगाने की घटना में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये l बैठक में पिरुल का उपयोग किये जाने तथा आबादी क्षेत्रों में बंदरों के आवागमन को रोकने पर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ l

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस अहम वर्चुअल बैठक में प्रमुख सचिव आर. के.सुधांशु ने अपने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री को राज्य का कुल कितना क्षेत्र वनों से ढका है, कौन-कौन से वन क्षेत्र अति संवेदनशील व संवेदनशील हैं और आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिये क्या-क्या उपाय किये जा रहे हैं आदि के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री धामी को विस्तार से अवगत करायाl
इस मौके पर प्रमुख वन संरक्षक डॉo अनूप मालिक, प्रमुख वन संरक्षक (पंचायत) डॉo धनंजय मोहन, विशेष सचिव डॉo मधुकर धकाते सहित वर्चुअल रूप से सभी वनाधिकारी के साथ ही अन्य सम्बंधित अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद रहे l