पीयूष मयंक
फिल्म जगत के अनमोल कोहिनूर सतीश कौशिक अब हम सभी के बीच नहीं हैं, होली वाले दिन सतीश कौशिक ने दिल्ली में अपने प्रियजनों के साथ होली खेली लेकिन होली के एक दिन बाद उनकी मौत की ख़बर ने करोड़ों प्रशंसकों को शोक में डुबो दिया है ,ऐसे भी कोई जाता है क्या? जिंदादिली के साथ जीने वाले सतीश कौशिक का जन्म हरियाणा राज्य के महेंद्रगढ़ मे 13 अप्रैल 1956 को हुआ था और आगे की पढ़ाई दिल्ली से हुई थी दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद सतीश कौशिक ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा NSD मे 1983 में दाखिला लिया था।
बेहद ही शालीन अनुशासित और काम के प्रति समर्पण रखने वाले सतीश कौशिक को फिल्म इंडस्ट्री में पहला करियर का ब्रेक थिएटर से ही मिला था करीब दो साल बाद उनकी शादी शशि कौशिक के साथ 1985 में हुई थी दांपत्य जीवन के शुरुआत मे ही सतीश कौशिक के 2 साल के बेटे की मृत्यु ने उनको अंदर से झकझोर कर रख दिया था लेकिन अपने स्वभाव की वजह से उन्होंने इसे ईश्वर की कृपा मान अपनी मंजिल की तलाश में पूरे मनोयोग से जुट चुके थे सतीश कौशिक बेहद ही खुश मिजाज मस्तीखोर जिंदादिल अभिनेता थे अपने अभिनय में यथार्थ को पर्दे पर हुबहू उतार देना केवल सतीश कौशिक को ही आता था करोड़ों लोगों को रुला गए सतीश कौशिक ।
जब सलमान खान फिल्म इंडस्ट्री में नकारात्मक किरदार के लिए मशहूर हो चुके थे और उनकी फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही थी तब सतीश कौशिक की पारखी नज़र ने ही सलमान खान के रूठे हुए भाग्य को मनाने में सतीश कौशिक का ही अविस्मरणीय योगदान था जिसके कारण फिल्म निर्देशक के रूप में सतीश कौशिक ने राधे फिल्म मे सलमान खान को अभिनय करने का मौका दिया था और इस फिल्म के बाद सलमान खान को लेकर फिल्म इंडस्ट्री की आम धारणा को सतीश कौशिक ने हमेशा हमेशा के लिए बदल कर रख दिया था वैसे उनकी फिल्मी यात्रा 1987 से शुरू हुई थी फिल्म मिस्टर इंडिया से उनको पहचान मिली थी सतीश कौशिक जन्मजात प्रतिभा के धनी थे अभिनय कोई भी कर सकता है लेकिन हंसाना बहुत मुश्किल होता है कॉमेडियन किरदार में लोगों को पेट पकड़कर हंसने के लिए मजबूर कर देने की कला सतीश कौशिक के पास ही थी उन्होंने अनगिनत फिल्में की अनेकों किरदार निभाए सुख दुख जीवन मरण के साथ ही अनेकों पारिवारिक मूल्यों को लेकर सतीश कौशिक का अभिनय हम दर्शकों को सदियों तक याद रहेगा ।
1997 में निर्मित दीवाना मस्ताना के किरदार में पप्पू पेजर की भूमिका को कौन भूल सकता है सुभाष घई द्वारा बनाई गई 1990 मे फिल्म राम लखन मे भी उनकी भूमिका सराहनीय थी सतीश कौशिक की केमिस्ट्री फिल्म अभिनेता गोविंदा के साथ भी कमाल की होती थी गोविंदा के साथ अभिनय की हुई फिल्म साजन चले ससुराल मे बेस्ट कॉमेडियन के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार भी सतीश कौशिक को मिल चुका था उनकी मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक संवेदना प्रकट की है और उनके साथ ही फिल्म जगत के प्रत्येक छोटे और बड़े कलाकारों ने सतीश कौशिक के आकस्मिक निधन पर अपनी श्रद्धांजलि दी है मीडिया बॉक्स परिवार भी सतीश कौशिक को अपनी ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है ,ईश्वर उन्हें सद्गति प्रदान करें उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में संबल प्रदान करें जिससे उनकी आत्मा को शांति मिल सके। Photo Credit -Social media