Maneesh Chandra
तबला वादक जाकिर हुसैन : तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन कैसे हुआ,क्यों गए थे सैन फ्रांसिसको..वाह उस्ताद वाह पूरा बचपन बीत गया था जब जाकिर को ये कहते सुनते थे टेलीविजन के एडवर्टाइजमेंट में.. तबले पर जादू की तरह उनकी उंगलियां चलती थी तब दिल मचलता था और थोड़ी देर पर आपके टीवी स्क्रीन पर लिखकर आता था वाह उस्ताद वाह.. हालांकि ये टेलीविजन एडवरटाइजमेंट ताजमहल चाय के लिए आता था जिसके बैकग्राउंड में ताजमहल महल की तस्वीर होती थी… तब हम सभी जान जाते थे कि उस्ताद जाकिर हुसैन की इस कमाल की जादूगरी जोकि तबले पर करतब करती हुई उनकी उंगलियां के साथ उनके हाथ में एक चाय का प्याला होता था और वो ताजमहल चाय की चुस्की के साथ कहते थे वाह उस्ताद वाह.. घर घर में उस्ताद जाकिर हुसैन की इसी पहचान के साथ अपनी पहचान बन चुकी थी ताजमहल चाय… अभी भी हमारी यादों पर चश्पा है जाकिर हुसैन की वो याद और क्यों ना हो क्योंकि वो हमारे देश की आन बान और शान रहे हैं।
यूं ज़मीं से चले गए जाकिर..
जाकिर हुसैन की मैनेजर निर्मला बच्चानी ने मीडिया को उनके निधन की जानकारी देते हुए बताया कि 73 वर्षीय तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन हो गया है। जाकिर हुसैन के पिता अल्लाह रक्खा भी मशहूर तबला वादक थे । देशभर के लोगों ने जाकिर हुसैन के निधन पर शोक जताया है।
तबला वादक जाकिर हुसैन सैन फ्रांसिस्को में क्यों थे
केवल 3 साल की उम्र से ही जाकिर हुसैन ने तबला बजाने का रियाज़ शुरू कर दिया था उन्होंने मात्र 7 साल की उम्र में स्टेज पर अपनी परफॉर्मेंस से सबको चकित कर दिया था इसके बाद वह नियमित रूप से देश-विदेश में अपनी तबले की प्रतिभा से भारत का नाम रोशन करने लगे थे इस वक्त उनकी उम्र 11 साल हो चुकी थी और उनका डंका विदेश में बजने लग गया था। आज से तकरीबन 40 साल पहले उस्ताद जाकिर हुसैन अपने परिवार के साथ अमेरिका के सन फ्रांसिस्को में बस गए थे। जाकिर हुसैन का का इलाज सैन फ्रांसिस्को की एक अस्पताल में चल रहा था उन्हें दिल संबंधी रोग होने पर आईसीयू में एडमिट किया गया था जहां पर उन्होंने अंतिम सांस ली। जाकिर के निधन से भारत समेत दुनिया भर में उनके चाहने वालों को मायूस कर दिया है। भारत में तमाम राजनीतिज्ञों के साथ ही कई मशहूर वीआईपी लोगों ने भी उनके निधन पर अपने संवेदनाएं प्रकट की हैं।
राहुल गांधी ने एक्स पर अपनी शोक संवेदना जताते हुए कहा है कि महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन का समाचार बेहद दुखद है राहुल ने लिखा है कि जाकिर का जाना संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है, इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ है आगे लिखते हुए राहुल ने कहा कि उस्ताद जाकिर हुसैन अपनी कला की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेगी।
पद्मश्री पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित जाकिर के निधन पर राजनीतिज्ञों की शोक संवेदनाएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए दुख प्रकट किया है इसके साथ ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने भी ईश्वर से जाकिर के परिवार के लिए प्रार्थना की है।
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