IFFI 54 में फिल्म Aattam से भारतीय पैनोरमा फीचर फिल्म की हुई शुरुआत
फिल्म की कल्पना व्यक्ति और समूह के बीच गतिशीलता की परतों में की गई है

IFFI 54 में फिल्म Aattam से भारतीय पैनोरमा फीचर फिल्म की हुई शुरुआत

IFFI 54:

भारतीय पैनोरमा खंड की शुरुआत मलयालम फिल्म अट्टम से

गोवा में चल रहे 54 में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव में भारतीय पैनोरमा खंड की शुरुआत कल मलयालम फिल्म अट्टम के साथ हुई। इस फिल्म की कहानी में मुख्य पात्र एक महिला है जो की 12 लोगों के समूह में थिएटर आर्टिस्ट के रूप में काम करती है और उसके आत्म सम्मान के लिए नाटक के सभी कलाकार उसका साथ देते हैं और दोषी व्यक्ति को अपने समूह से बाहर निकाल देते हैं।

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DIRECTOR आनंद एकार्शी

आनंद एकार्शी के डायरेक्शन में बनी यह ड्रामा फिल्म अरंगू नामक थिएटर ग्रुप का नाटक है जो एक महिला और बारह पुरुषों के इर्द-गिर्द घूमता है और उस समूह की कहानी और रिश्तों को बड़े मनोवैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत किया गया है जो कि इस फिल्म फेस्टिवल में सिने प्रेमियों के लिए अच्छा अनुभव प्रदान करने वाली फिल्म रही है।

अट्टम फिल्म की कल्पना का विचार

140 मिनट की इस फिल्म के निर्देशक एकार्शी ने बेहतरीन निर्देशन किया है फिल्म के अगर स्क्रीनप्ले की बात की जाए तो उन्होंने बताया है कि इस फिल्म में एक व्यक्ति और समूह के बीच विकसित होने वाले संबंधों को दिखाया गया है प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह फिल्म ’12 एंग्री मैन’ से प्रेरित नहीं है बल्कि यह एक नेचुरल प्रक्रिया को दर्शाने वाली फिल्म है और मेरी इस फिल्म का ऐसी फिल्म से तुलना किया जाना सम्मान की बात है उन्होंने कहा कि अट्टम फिल्म की कल्पना का विचार दोस्तों के साथ एक यात्रा पर सामान्य बातचीत में कोविड की महामारी के दौरान आया था।

कलाकार समूह

निर्देशक: आनंद एकार्शी

लेखक: आनंद एकार्शी

निर्माता: जॉय मूवी प्रोडक्शंस एलएलपी

डीओपी: अनुरुद्ध अनीश

संपादक: महेश भुवनेंद

कलाकार: विनय फोर्ट, ज़रीन शिहाब

अट्टम फिल्म की यूनिट का अनुभव

एकार्शी ने बताया कि इस पूरी फिल्म की यूनिट के साथ उनका अनुभव बेहतरीन रहा है यह फिल्म थिएटर के प्रदर्शन को दर्शाने के साथ फिल्म के क्राफ्ट और थिएटर आर्ट को समझने वाली फिल्म के तौर पर देखी जा सकती है उन्होंने कहा कि कैमरे और सेट से अभ्यस्त होने के लिए सूट से पहले 35 दिनों की सीन का रिहर्सल किया गया इसलिए इस प्रोजेक्ट में रिहर्सल सबसे इंपॉर्टेंट पहलू था, उन्होंने कहा कि इस फिल्म के साउंड डिजाइनर रेंगनाथ रवि ने एक ही स्थान पर तेरह अभिनेताओं के साथ शूटिंग की चुनौतियों के बारे में विस्तार से बात की और उसके बाद उन्होंने बेहतरीन साउंड डिजाइन के साथ फिल्म में कमाल का काम किया है।

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