Mahakumbh 2025 मकर संक्रांति के दिन दो करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी

Mahakumbh 2025 मकर संक्रांति 14 जनवरी मकर संक्रांति महाकुंभ के पहले शाही स्नान के अवसर पर प्रयागराज संगम में अब तक 2 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर सूर्य को प्रणाम किया है। अमृत स्नान की इस पावन बेला पर लाखों श्रद्धालु रात 3:00 से ही मेला परिसर में आने लगे थे और सुबह तड़के ही उन्होंने संगम पर स्नान करना आरंभ कर दिया था प्रयागराज मेला क्षेत्र में हर तरफ उल्लास और उमंग की धूम है सुबह 6:15 बजे से ही अखाड़ों का स्थान शुरू हो गया था, नागा साधु और साधुओं का जत्था हर हर महादेव के उद्घोष के साथ गंगा की तरफ बढ़ रहा था और उसके बाद एक-एक साधु सन्यासी गंगा में हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ डुबकी लगाने लग गए यह समा देखते ही बन रहा था। शाम 4:00 बजे तक एक करोड़ 70 लाख लोग स्नान कर चुके थे कुंभ नगरी के 12 किलोमीटर के क्षेत्र में सभी घाटों पर काफी भीड़ उमड़ी हुई है जबकि संगम तट पर लेटे हुए हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं को आज भीड़ के कारण दर्शन नहीं मिलेगा जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने इस बात की जानकारी देते हुए सभी से संयम बरतने की अपील की है उन्होंने बताया है कि अब तक पांच अखाड़े ने शाही स्नान कर लिया है

महाकुंभ मे ड्रोन द्वारा ली गई तस्वीर

Mahakumbh 2025 मकर संक्रांति बस और रेल से हजारों की संख्या में पहुंचे यात्री

आस्था और धर्म की नगरी प्रयागराज में पोस्ट पूर्णिमा की स्नान के बाद मकर संक्रांति स्नान पर पर आज लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली है जहां एक तरफ रेलवे स्टेशन यात्रियों से खचाखच भरा हुआ है वहीं पर बसों से यात्रियों का आना लगातार जारी है एयरपोर्ट पर भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी जा सकती है। खबर के अनुसार तीन जोनल रेलवे ने 344 से अधिक डेली और कुंभ मेला स्पेशल विशेष ट्रेनों का संचालन करके यात्रियों के इस पर्व को साकार करने का प्रयत्न किया है जिसमें सबसे अधिक 1999 ट्रेन प्रयागराज जंक्शन से चलाई गई हैं सिविल लाइंस और जीरो रोड बस अड्डा आज पूरी तरह बंद रहा है इसकी जगह पर नैनी झूसी बली कचरा और नेहरू पार्क में बने अस्थाई बस अड्डे से बसों का संचालन सफलता पूर्वक किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्य प्रदेश के लिए भी परिवहन की सेवाएं जारी हैं सबसे ज्यादा अयोध्या रूट से 100 से अधिक बसें चलाई गई हैं रोडवेज ने रिजर्व में अतिरिक्त 500 बसों को परिवहन सेवा के लिए लगाया है।

शाही स्थान में जाते हुए नागा साधुओं का जत्था

मकर संक्रांति पर किस तरह के दान से मिलता है लाभ

मकर संक्रांति के पावन पर्व पर प्रयागराज संगम नगरी में लोगों ने दान पुण्य करके सूर्य की पूजा अर्चना करी है।

मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ का दान पाप का नाश करता है और लाभ प्रदान करता है नमक का दान बुरी ऊर्जा और अनिश्तों के नाश करने के लिए बताया गया है घी और रेवाड़ी का दान भौतिक सुख मान सम्मान और यश की प्राप्ति करता है इसके साथ ही पक्षियों को दान और जानवरों को भोजन करना अति लाभ कर बताया गया है।

महाकुंभ – संगम नगरी का आलौकिक दृश्य

खिचड़ी का दान इस पर्व का सबसे विशेष आकर्षण है चावल और उड़द की दाल की खिचड़ी दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होना शास्त्रों में बताया गया है। इस दिन सूर्य की पूजा उपासना करने से जीवन की समस्त समस्याओं को समाप्त करने में ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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