सब्जी बेचने वाले गरीब माता-पिता की लड़की मुमताज ने हाॅकी में भारत का नाम रोशन किया

Peeyoosh Mayank

लखनऊ की रहने वाली मुमताज खान ने जूनियर महिला वर्ल्ड कप हॉकी में सर्वाधिक गोल करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है।मुमताज खान के माता पिता सब्जी बेचने का कारोबार करते हैं लेकिन मुमताज खान की लगन को देखकर और उसकी प्रतिभा को परख कर जैसे ही रूढ़ियों की बेड़ियों को तोड़ा तो बिटिया का सितारा चमक उठा! यह कहानी नहीं हकीकत है, मुफलिसी के दौर में तमाम मुसीबतों को झेलते हुए मुमताज खान की मां और पिता ने जो त्याग किया है! वह अपने आप में मिसाल है.

मुमताज खान की शुरुआती शिक्षा लखनऊ के कैंट इलाके में एक छोटे से स्कूल से हुई है, शुरुआत में हॉकी को लेकर कोई खास दिलचस्पी नहीं थी लेकिन! जब मुमताज खान ट्रायल के लिए के डी सिंह बाबू स्टेडियम लखनऊ पहुंची तो उनकी मुलाकात वहां की हॉकी कोच नीलम सिद्दीकी से हुई थी उस वक्त ट्रायल फार्म के पैसे भी मुमताज खान के पास नहीं थे आखिरकार हॉकी की कोच नीलम सिद्धकी ने फॉर्म खुद भरा और उसको सबमिट भी किया , आखिरकार दो महीने के बाद के डी सिंह बाबू स्टेडियम से मुमताज खान को बुलावा पत्र भेजा गया जैसे ही आसपास के लोगों और पड़ोसियों को पता चला कि मुमताज खान का दाखिला केडी सिंह बाबू स्टेडियम में हॉकी खेलने के लिए हुआ है ,सभी लोगों ने इस फैसले का जबरदस्त विरोध किया और कहा कि लड़की है इसको कहां भेज रहे हैं ,लड़कों से बात करेगी और अकेले रहना पड़ेगा लेकिन सामाजिक बंदिशों को दरकिनार करते हुए गरीब माता-पिता ने अपनी पुत्री का दाखिला आखिरकार करवा ही दिया.

मुमताज खान ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से बात करते हुए कहती हैं कि देश मेरे लिए पहले है फिर परिवार की बारी आती है हमने इस मुकाम पर पहुंचने के लिए बहुत सारी कुर्बानियां दी हैं ,मेरे जुनून को मेरी मां शुरू में नहीं समझ पाती थीं ,तो उसकी प्रतिक्रिया में कई बार मुझे मां ने पीटा भी था लेकिन पिताजी सदैव मेरे साथ खड़े रहे और जब मैंने देश के लिए खेला तो सभी लोगों का नजरिया ही बदल गया। गरीबी मुझे तोड़ नहीं पाई मेरे जुनून मेरे अंदर की भारतीयता और अधिक प्रबल हो उठी थी कि मैं देश के लिए खेल रही हूं।

मुमताज खान का खेलना कट्टरपंथियों को कितना सालता होगा इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि इस छोटी सी बच्ची ने जिस परिपक्वता के साथ देश की बात को आम लोगों तक पहुंचाया है उसकी मिसाल मिलना बहुत ही कठिन है गरीबी अमीरी दो अलग पैमाने जरूर होते हैं लेकिन जब कोई काम छोटे से दायरे के लिए नहीं बल्कि देश के लिए किया जाए तो वहां कुर्बानी देनी ही पड़ती है जो मुमताज खान ने दिया है, इस बेटी की प्रतिभा पर सभी देशवासियों को फक्र है।
मुमताज बिटिया को मीडिया बॉक्स इंडिया परिवार की ओर से दुआएं और हमारा सलाम है।