नहीं रुक रही मेरठ छावनी परिषद की सियासी घमासान


देश की दूसरी सबसे बड़ी छावनी कहे जाने वाली मेरठ छावनी परिषद में अंदरूनी सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रही है। एक ओर जहां कैंट बोर्ड के पूर्व सीईओ नवेंद्र नाथ के कार्यकाल में जिस तरीके से जनहित के कार्य किए गए और छावनी परिषद की जनता के निर्माण व अन्य संबंधित कार्य बेहद ही आसानी से होने लगे । लेकिन ऐसे में जब मेरठ छावनी परिषद के पूर्व सीईओ नवेंद्र नाथ के खिलाफ जब बोर्ड की यूनियन के कर्मचारी भ्रष्टाचार से संबंधित अंड संड आरोप लगा रहे हैं वह निश्चित तौर पर छावनी परिषद की जनता के बीच मायूसी पैदा कर रहा है। जिस तरह से पूर्व सीईओ नवेंद्र नाथ के खिलाफ इन दिनों कैंट बोर्ड के कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और नवेंद्र नाथ वापस जाओ के पोस्टर लगा रहे हैं वह निश्चित तौर पर यह भी सवाल खड़ा करता है कि जब नवेंद्र नाथ सीईओ के पद पर थे तब इस तरह के प्रदर्शनों को अंजाम क्यों नहीं दिया गया।

वही बड़ा सवाल यह भी बनता है कि क्या इन दिनों प्रदर्शन के पीछे कोई गहरी साजिश है और क्या यूनियन के लोग के इशारे पर काम कर रहे है। यही नहीं बड़ा सवाल यह भी बनता है की क्या कैंट बोर्ड के यूनियन के कर्मचारियों का नए सीईओ ज्योति कुमार के स्वागत करने का यह कोई अनोखा तरीका है और क्या वह नए सीईओ को दबाव में लेने का प्रयास कर रहे हैं।जिस तरह से कैंट बोर्ड की यूनियन कर्मचारी सीईओ आवास पहुंचे और नवेंद्र नाथ के खिलाफ नारेबाजी की और उसके बाद वर्तमान सीईओ ज्योति कुमार के आशियाना आवास पर पहुंचे और उनसे उनका मानदेय पूरा देने की फरियाद करने लगे, यह भी निश्चित तौर पर दर्शाता है कि कैंट बोर्ड के कर्मचारी किसी के दबाव में काम कर रहे हैं।