राजीव गांधी जयंती :आज के भारत में हम जितनी भी सूचना क्रांति देख रहे हैं वह भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की देन है जब पहली बार राजीव गांधी जी ने देश में कंप्यूटर लाने की बात कही तब यह समझा गया था कि इससे लोगों का रोजगार छिनेगा .. और यह विदेश का कोई खिलौना है लेकिन आज यही कंप्यूटर और सूचना क्रांति की देन ने हमें चांद और मंगल पर पहुंचा दिया है पूर्व प्रधानमंत्री के प्रयास आज हमें आधुनिक भारत की नई के रूप में दिखाई पड़ रहे हैं यह कहना है वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला का
राजीव गांधी जयंती ,उत्तराखंड महिला कांग्रेस ने 100 मातृशक्तियों को किया सम्मानित
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती के मौके पर ज्योति रौतेला की अध्यक्षता में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पंचायत प्रतिनिधियो, पार्षद एवं आशा कार्यकत्रियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर लगभग 100 महिलाओं को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर रौतेला ने कहा कि स्व राजीव गांधी ने भारत को 21वीं सदी में ले जाने का जो सपना देखा था वह साकार हो गया है। स्व राजीव गांधी को आधुनिक भारत का निर्माता बताते हुए उन्होंने कहा कि पंचायतीराज से जुड़ी संस्थाओं की मजबूती के लिए स्व राजीव गांधी ने देश में पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त किया. जिससे सत्ता के विकेंद्रीकरण और पंचायती राज व्यवस्था को सबलता मिली तथा पंचायत स्तर तक लोकतंत्र पहुंचा। उनके कार्यकाल में पंचायतीराज व्यवस्था का पूरा प्रस्ताव तैयार हुआ जिसे 1992 में 73वें और 74वें संविधान संशोधन के जरिए लागू किया गया। स्व0 राजीव गांधी जी के प्रधानमंत्रित्व काल में कांग्रेस सरकार की ओर से तैयार 64 वें संविधान संशोधन विधेयक के आधार पर 73वां संविधान संशोधन विधेयक पारित कराया। 24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई. जिससे सभी राज्यों को पंचायतों के चुनाव कराने को मजबूर होना पड़ा. पंचायतीराज व्यवस्था का मकसद सत्ता का विकेंद्रीकरण रहा।
ज्योति ने कहा कि गांवों के गरीब परिवार के बच्चों को हायर एजुकेशन शिक्षा दिलाने के मकसद के साथ स्व राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालयों की शुरआत की. इन आवासीय विद्यालयों की प्रवेश परीक्षा में सफल होने वाले मेधावी बच्चों को यहां प्रवेश मिलता है. बच्चों को छह से 12 वीं तक की मुफ्त शिक्षा और हॉस्टल में रहने की सुविधा मिलती है. तथा वर्तमान समय में देश में खुले 551 नवोदय विद्यालयों में लाखों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। राजीव गांधी ने शिक्षा क्षेत्र में भी अहम कदम उठाए. उनकी सरकार ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की. इसके तहत पूरे देश में उच्च शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण और विस्तार करने की कोशिशें हुईं। उन्होने कहा कि उनके द्वारा उठाये गये कदमों से आज भारतीय महिलाएं देश के विकास में अपनी सहभागिता निभा रही हैं उन्होंने देश को शक्तिशाली व सम्पन्न राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करते हुए भारत की एकता व अखण्डता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। उन्होंने कहा कि हम सब को मिलकर एक शक्तिशाली भारत के निर्माण के उनके सपने को साकार करने के लिए अपनी सहभागिता निभानी है यही उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस असवर पर पूर्व प्रधान चन्द्रकला नेगी, पार्षद उर्मिला ढौंडियाल थापा, कोमल बोहरा, संगीता गुप्ता, मीना बिष्ट, पुष्पा पंवार, आगनवाडी कार्यकत्रि अंजु धीमान, मीना शर्मा, ज्योति खण्डूरी, अंजलि वर्मा, पुष्पा नेगी, वन्दना, पुष्पा नेगी, आशा रानी, रीता धीमान, शकुन्तला, सपना थापा, रजनी शर्मा, रजनी गुलेरिया, राजकुमारी, मीना वर्मा, रीना वर्मा, सवाना, बबीता वर्मा, सीता राणा, मीना नेगी, लक्ष्मी, भुवनेश्वरी, शकुन्तला, आशा रानी, भागेश्वरी, हेमलता, उमादेवी, जयन्ती अधिकारी, अंशुल त्यागी, लक्ष्मी उनियाल, किरन नेगी, सुनीता, संगीता थापा, मीना मौर्या, रीता धीमान, रंजीत कौर, मिथिलेश, पवित्रा, अर्चना कपूर, निधि नेगी अनुराधा तिवाडी, सुशीला शर्मा, अनिता दास आदि महिलाओें को सम्मानित किया गया।