Peeyoosh Mayank
लखनऊ,ऋषि कुल आयुर्वेदिक मेडिकल विश्वविद्यालय हरिद्वार के पुराने छात्रों ने आज लखनऊ में एक जगह पर मिलकर कोरोना में आयुर्वेद के योगदान और प्रभाव पर परिचर्चा के लिए लखनऊ के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध रिसर्च सेंटर गोमती नगर में आयोजन किया, इस आयोजन में देश विदेश से आए हुए ऋषि कुल मेडिकल विश्वविद्यालय हरिद्वार के डॉक्टरों ने कोरोना में आयुर्वेद के इलाज द्वारा मरीजों के क्या परिणाम आए इसको लेकर एक दूसरे से अपने विचार साझा किए।
ऋषि कुल के रिटायर्ड प्रोफेसर विनीत कुमार अग्निहोत्री ने कहा कि जब विश्व में कोरोना की कोई दवाई या वैक्सीन नहीं बनी थी तब से लेकर अब तक लोगों ने आयुर्वेद को अपनाकर अपनी प्रतिरोधकता को को बढ़ाया है जिसकी वजह से वह करोना के अतिरिक्त कई बीमारियों से लड़ने में कामयाब हुए हैं। डॉक्टर बबीता केन ने कहा कि सरकार की गाइड लाइन के अनुसार कोरोना में आयुष काढ़े की विधि से लोगों ने अपनी अपनी इम्यूनिटी बढ़ाकर कोरोना से लड़ने में सफलता प्राप्त की जिससे कि सभी को आयुर्वेद के सिद्धांतों और प्रभावों को समझने में काफी आसानी हुई जिसके बाद बड़े पैमाने पर आयुर्वेद को एक नई पहचान मिली है।इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
समारोह में श्री धन्वंतरी फार्मेसी का विशेष सहयोग रहा फार्मेसी की तरफ से समारोह को सफल बनाने के लिए आर्थिक रूप से सहयोग और स्पॉन्सर्स किया गया जिसमें धन्वंतरी फार्मेसी के द्वारा गिफ्ट हैंपर भी बांटे गए आयोजक मंडली ने फार्मेसी की भूमिका की तारीफ करते हुए उनका आभार भी प्रकट किया
कार्यक्रम की शुरुआत धन्वंतरि पूजन से की गई निहारिका गुप्ता व अलंकृति गुप्ता ने गणेश वंदना की मनमोहक प्रस्तुति दी तथा डॉ बबीता केन, डॉ एकता गुप्ता, मोक्ष, सिद्धि , शिरालि, नव्या गुप्ता, अपर्णा सिंह द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया।बैच1996 के डॉ रंजन वर्मा ने अपनी कविता पाठन से समारोह कासम बांधा।विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय हरिद्वार, उत्तराखंड से स्नातक व स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण किए बैच 1973 से बैच 2004 तक के लगभग 250 डॉक्टर परिवार सहित विभिन्न जिलों से आए। सभी ने अपना-अपना परिचय दिया और आयुर्वेद चिकित्सा व शिक्षा के क्षेत्र में अपना क्या-क्या योगदान दे रहे हैं, से अवगत कराया। सभी डॉक्टर्स को स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति-पत्र वितरित कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का सफल आयोजन डॉ राजीव विलास,डॉ सुनील वर्मा, डॉ एस पी सिंह, डॉ सुरेन्द्र बहादुर, डॉ बबीता केन, डॉ सुशील गुप्ता,डॉ दीप्ति अग्रवाल द्वारा किया गया ।मंच का संचालन डॉ दीप्ति अग्रवाल ने किया।