Saras Mela: उत्तराखंड के ग्रामीण संसाधनों और उत्पादों से निर्मित वस्तुओं और खाद्य पदार्थो को सरस मेले के रूप में उत्तराखंड में मंच प्रदान किया गया जिसमें महिलाओं के स्वयं सहायता समूह द्वारा बड़ी संख्या में शिरकत की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रेंजर्स ग्राउंड देहरादून में आयोजित सरस मेला – 2024 का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश भर के स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का भी अवलोकन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने महिलाओं से वार्ता कर उनके उत्पादों के बारे में जानकारी ली तथा महिलाओं द्वारा निर्मित मंडुवे के बने केक की सराहना की। उन्होंने स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित दीए की खरीददारी कर ऑनलाइन माध्यम से पेमेंट भी की।
Saras Mela महिलाओं के परिश्रम और ग्रामीण संस्कृति का प्रतीक है
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरस मेले में महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पाद मातृशक्ति के परिश्रम, नवाचार के प्रतीक हैं। अपने परिश्रम और स्थानीय उत्पादों के माध्यम से महिलाएं आजीविका चलाने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरस मेला हमारे ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा, कौशल और उद्यमिता को प्रदर्शित करने का भी प्रयास है।
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हमारे स्थानीय उत्पादों को सशक्त बनाने के लिए वोकल फॉर लोकल अभियान प्रारंभ किया गया था। यह मेला भी इस अभियान को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि आजीविका मेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को भी साकार करने में सिद्ध हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखपति दीदी योजना के तहत राज्य की एक लाख से अधिक महिलाओं ने लखपति बनने का गौरव प्राप्त किया है। हमारा संकल्प वर्ष 2025 तक 1.5 लाख लखपति दीदी बनाने का है। कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में भी सरकार ने मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह योजना के अंतर्गत ₹84 करोड़ से अधिक की आर्थिक सहायता प्रदान कर महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने का प्रयास किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 30 हजार से अधिक समूहों को ब्याज प्रतिपूर्ति के रूप में ₹24 करोड़ की छूट भी दी गई। 159 महिला सीएलएफ को लगभग ₹8 करोड़ का एकमुश्त अनुदान प्रदान किया गया। 43 हजार सक्रिय समूहों के स्वावलंबन हेतु ₹51 करोड़ से अधिक की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई है।
दीपावली के सजावटी सामानों से महिलाएं 10 से ₹12 हज़ार की कर रही हैं बिक्री
मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान स्त्री शक्ति स्वयं सहायता समूह से स्वाति नेगी ने बताया कि उन्होंने 2019 में ग्रोथ सेंटर के माध्यम से ट्रेनिंग लेकर 20 महिलाओं के साथ दीपावली में काम आने वाली सजावटी मालाएं बनाने का कार्य शुरू किया। उन्होंने बताया राज्य सरकार द्वारा सचिवालय से लेकर ग्राम स्तर हर जगह उनके स्टॉल लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया समूह की प्रत्येक महिला महीने में ₹10 से ₹12 हज़ार की आय अर्जित कर रही हैं।
कार्यक्रम में लखपति दीदी फरजाना खान ने मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर आउटलेट्स खोले जाने का अनुरोध किया। जिसके उपरांत मुख्यमंत्री ने आयुक्त ग्राम्य विकास धीराज गर्ब्याल को प्रत्येक जिले के हर संभव स्थान पर आउटलेट्स खोले जाने हेतु परीक्षण करवाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अपनी बहनों को वचन देता हूं कि उनकी हर संभव मदद की जायेगी।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, विधायक उमेश शर्मा काऊ, विश्वास डाबर, जोत सिंह बिष्ट, आयुक्त ग्राम्य विकास धीराज गर्ब्याल, जिला अधिकारी देहरादून सविन बंसल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।