*अरुणा मनवर* ये एक थी टिहरी नहीं..ये है, एक है टिहरी… जो जिंदा है,,,तुम्हारी रग रग में.. पग पग मेंतुम्हारे दिन में,, रात में..इक इक साँस में…. घड़ी की टिक टिक मेंसबके सवालों की झिक झिक में.. पसीने की टपकती हर इक बूंद मेंमन के भावों की एक एक मूँद …
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….मेरे पापा
जिंदगी को जीना सिखायाहर मुसीबत में साथ निभाया जिंदगी के हर तूफान में कभी साथ नहीं छोड़ाआपने ही जीवन के हर मोड़ पर साथ दियाफिर क्यों अब हमेशा के लिए हाथ छुड़ा लिया इतनी जल्दी चले जाओगे सोचा तो नहीं था आपसे दूर होने के लिए तैयार नहीं थी मैंआपके …
Read More »तुम कभी आ जाना: सपने में
तुम कभी आ जाना तुम कभी आ जाना सपने मेंतुम्हारा आना अच्छा लगेगा बेशक देती रहना गालियांदेना बद्दुआ.. बार-बार वो तुम्हारा कहना हरामजादाबेइज्जत तो महसूस होता है मगर फिर भी ,तुम कभी आ जाना: वो वक्त अब भी याद हैजब भरोसा इतना कमज़ोर न था जिसेअब तीसरे ने समझा दिया …
Read More »एतबार
अगर तुम पर न होता एतबारतो न करती कोई शिकवा इतने यकीन से.. ऊपरवाले नीचे आजरा बैठ मेरे पास एक एक दिन देख मेरा जैसा गुजार के…नही तो रुक थोड़ा..एक दिन आऊंगी ऊपर जरूर.. also Read- बस यही ज़िंदगी … फिर बैठ कर होगा जिंदगी का हिसाब मेरे हर कड़े …
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